जगदलपुर : आज लगभग हम सभी एक बहुत बड़े संकट के दौर से गुज़र रहें हैं इस संकट की घड़ी में सभी समझदार व्यक्ति अपने संबंधी हो या रिश्तेदार, उन...
जगदलपुर : आज लगभग हम सभी एक बहुत बड़े संकट के दौर से गुज़र रहें हैं इस संकट की घड़ी में सभी समझदार व्यक्ति अपने संबंधी हो या रिश्तेदार, उनसे दूरियां बनाए हुए हैं, क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि आज की विकट परिस्थिति अर्थात वैश्विक महामारी कोविड-19 सबके दिमाग में राज कर रहा है, जोकि बहुत बड़े चिंता का विषय भी है। जिससे निजात पाने के लिए अनेक प्रकार के प्रयोग एवं खोज किए जा रहे हैं, जिससे लोगों को इस महामारी से निजात दिलाई जाए। लेकिन अभी तक इस संक्रामक बीमारी का कोई ठोस निराकरण नहीं निकला है, या ऐसी कोई दवाई नहीं बनी है जोकि पूर्ण रूप से संक्रमित मरीज को पूरा-पूरा लाभ दिला सके। जिसके कारण आज का जनमानस काफी डरा डरा एवं सहमा हुआ रहता है। सभी ने आपस में लोगों से दूरियां बनाकर रहना सीख लिया है।
जहां लोगों का एक तबका सामाजिक दूरियां बनाकर ही सुरक्षित जीवन यापन कर रहा है, एवं कहीं भी शादी पार्टी आदि से अपने आप को दूर रखते हुए, कोविड-19 का विश्व से नामोनिशान मिटाने के उद्देश्य में लगे हुए हैं।
लेकिन वहीं इस पर भी बहुत से नासमझ लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण बस्तर में देखने को मिल सकता है। क्योंकि यहां अभी तक कड़ाई से इस महामारी को भगाने के लिए या खत्म करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जिसके फलस्वरूप लोग लापरवाही पूर्वक बेझिझक घूम रहे हैं एवं शासन द्वारा निर्देशों का अधिकांश लोग पालन ही नहीं कर रहे हैं। यहां के लोग बिना मास्क लगाए इधर उधर विचरण करते देखे जा सकते हैं।
जब तक पूर्ण लॉकडाउन था तब तक लोगों ने भी घर से बाहर निकलना लगभग छोड़ दिया था, लेकिन सरकार ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए कुछ हद तक छूट देने का निर्णय लिया लेकिन सर्वविदित है कि किसी भी प्रकार के छूट का लोग गलत फायदा उठाने से बाज नहीं आते।
आप शहर या गांव कहीं भी चले जाइए लोग बहुत ही लापरवाही पूर्वक घूमते हुए दिख जाएंगे वह भी बिना मास्क के और समूह में भी।
अन्त में अपनी गलती का ठीकरा सरकार पर ही थोपेंगे जो कि अधिकांश लोगों के दिनचर्या में शामिल है। बस आशा है जल्द ही इस समस्या का निराकरण हो।
विमलेंदु झा
प्रधान संपादक - The अख़बार
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