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छत्तीसगढ़ / इन जिलों में सख्ती से तालाबंदी, राजधानी में 40 चैक प्वाइंट, ड्रोन कैमरे और 1500 पुलिस कर्मी तैनात

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए कैबिनेट की बैठक में कलेक्टर्स को अपने जिलों में लॉक डाउन लगाने के अधिकार दिए गए थे। संक्रमण के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए रायपुर, बलौदाबाजार, मुंगेली और अंबिकापुर में आज से सात दिनों का लॉक डाउन लागू किया गया है। वही दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, बालोद, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर में कल से सात दिवसीय का लॉक डाउन लगेगा। इससे पहले बेमेतरा जिले में 21 जुलाई से 2 अगस्त तक के लिए लॉक डाउन लगाया गया है। 


बुधवार से राशन दुकानों के बंद होने से मंगलवार को बाजारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। गोलबाजार, शास्त्री मार्केट, सदरबाजार, हलवाई लेन, पंडरी और डी-मार्ट पर ग्राहकों की इतनी अधिक भीड़ थी कि मार्केट के बाहर सड़कों पर वाहनों का शाम 7 बजे रेला लगा रहा। हालांकि डेलीनीड्स को लेकर पब्लिक में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि ब्रेड, दूध समेत अन्य डेलीनीड्स का सामान किराना दुकानों से बिकता है। ऐसी दशा में वे दुकानें खुलेंगी या नहीं, इस लेकर ग्राहक व दुकानदारों में भ्रम की स्थिति है।

रायपुर कलेक्टर डॉ.एस भारतीदासन ने सात दिन के लॉक डाउन को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए है। बता दें कि बिरगांव नगर-निगम क्षेत्र और रायपुर नगर-निगम क्षेत्र में सुबह 10 बजे के बाद बेवजह निकलने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। पंद्रह सौ पुलिस ​कर्मियों का पहरा शहर में रहेगा। इस दौरान गली-मोहल्ले में सतत निगरानी रखी जाएगी। शहर में अलग-अलग जगहों पर 40 चेकिंग पाईंट बनाकर नाकाबंदी किया है। चेकिंग पाईंट पर आने-जाने वालों से पूछताछ शुरू हो गई है। 


अफसरों के मुताबिक रायपुर और बीरगांव निगम क्षेत्र में बुधवार से आवागमन करने ई-पास लेना अनिवार्य होगा। बगैर पास या परिचय पत्र के आवागमन करने वाले को रोकने इस बार दोगुनी तादाद में पुलिस उतारी गई है। शहर से आने-जाने के लिए हर हाल में ई-पास लेना अनिवार्य होगा।

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