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सेंट्रल बैंक बेलर की ब्रांच मैनेजर और रसूखदार व्यापारियों पर धारा 420 का मामला, लाखों की हेराफेरी

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जगदलपुर : ज्ञात हो कि हमारे पोर्टल के द्वारा बेलर सेंट्रल बैंक की शाखा प्रबंधक मीनाक्षी कुमारी के स्थानीय लोगों के प्रति संवेदनहीनता का माम...

जगदलपुर : ज्ञात हो कि हमारे पोर्टल के द्वारा बेलर सेंट्रल बैंक की शाखा प्रबंधक मीनाक्षी कुमारी के स्थानीय लोगों के प्रति संवेदनहीनता का मामला पहले भी उठाया गया है। सेंट्रल बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की थी, बावजूद इसके बैंक शाखा प्रबंधक के पद से हटाए जाने के बाद वापिस श्रीमती मीनाक्षी कुमारी को इसी शाखा में लाना, समझ से परे था। उसपर एक और मामले ने इलाके में खलबली मचा दी है। बता दें बड़ाजी थाना में सेंट्रल बैंक शाखा प्रबंधक पर कुछ रसूखदार व्यापारियों के साथ सांठगांठ कर कमीशनखोरी का आरोप लगा है।


थाना बड़ाजी में आज अपराध क्रमांक 20/ 20 धारा 420 और 120 (बी) भा. दं. वि. में प्रार्थी नवीन कुमार पाणिग्रही पिता तुलाराम पानी ग्राही के रिपोर्ट पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा बेलर के शाखा प्रबंधक श्रीमती मीनाक्षी कुमारी, मनीष जैन और प्रबंधन अंजना सेल्स रायपुर के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
मामले में नवीन कुमार पानी ग्राही के द्वारा ग्राम उद्योग एवं जिला व्यापार केंद्र जगदलपुर में लघु उद्योग लगाने हेतु दोना पत्तल मशीन के लिए ₹350000 का लोन लेने हेतु आवेदन किया था। उपरोक्त दस्तावेजों में लक्ष्मी एजेंसी जगदलपुर का कोटेशन लगाया था, आरोपियों के द्वारा उक्त कोटेशन आरोपी मनीष जैन की नजदीकी अंजना सेल्स रायपुर को कोटेशन लगाकर छल पूर्वक ₹350000 के स्थान पर ₹700000 का लोन स्वीकृत कराया जबकि जिला व्यापार कार्यालय जगदलपुर के द्वारा ₹350000 का ही लोन स्वीकृति हेतु अनुमोदित की गई थी। अधिक कमीशन एवं सब्सिडी का आर्थिक लाभ लेने के उद्देश्य से अपराधियों ने षडयंत्र पूर्वक शिक्षित बेरोजगार का लोन स्वीकृत कराया। जिसमें शाखा प्रबंधक और मनीष जैन की मिलीभगत सीधे तौर पर दिख रही है। अब देखना ये है कि इनकी इस करतूत पर फिर से कोई कार्यवाही होती है या पिछली बार की तरह इस बार भी "जो बीत गई वो बात गई", वाला रवैया सेंट्रल बैंक द्वारा अपनाया जाएगा। पिछली खबर पर कुछ समय के लिए प्रबंधक को हटाना और वापिस उसी ब्रांच में लाना भी कई सवालों को जन्म देता है। कहीं नवीन कुमार पाणिग्रही की तरह और भी लोग तो नहीं है, जिनके साथ इस तरह का अन्याय हुआ है, और उन सभी पुराने धोखाधड़ी के मामले को साफ करने के लिए, इनकी नियुक्ति यहां की गई है। खैर सवाल कई तरह के उठाते हैं, फिलहाल देखना ये है कि इसबार क्या कार्यवाही होगी।
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