दुर्ग। लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल सुपेला के शवगृह में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग मृतक का पोस्टमार्टम करने से पहले डॉक्टरों...
दुर्ग। लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल सुपेला के शवगृह में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग मृतक का पोस्टमार्टम करने से पहले डॉक्टरों ने उसका रैंडम किट से कोरोना टेस्ट किया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव निकल गई इसके बाद शवगृह में मौजूद डॉक्टर भाग खड़े हुए।
मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना शनिवार दोपहर की है। जामुल हाउसिंग बोर्ड एमआईजी-2 क्वाटर 2299 निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग अविनाश रामटेके को बुखार की शिकायत थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उसकी पत्नी और छोटा बेटा मिलिंद रामटेके उन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर- 9 ले जाने निकले थे। अस्पताल पहुंचने से पहले बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। सेक्टर-9 अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के बाद ब्रॉड डेट करार देते हुए शव को माच्र्युरी में रखवा दिया था।
दरअसल कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में किया जाता है। यहां तो परिजनों को ही पॉलिथिन पकड़कर कहा गया कि शव को लपेटकर तत्काल श्मशान घाट ले जाओ। परिजन मिन्नते करते रहे पर किसी ने नही सुनी न तो नगर निगम का अमला आया और न ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने हाथ लगाया। आखिर में हताश परिजनों ने स्वयं डॉक्टरों द्वारा दिए गए पीपीई किट को पहनकर शव को पॉलिथिन में लपेटा। शव को राम नगर मुक्तिधाम ले गए और अंतिम संस्कार किया।
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