जगदलपुर : सस्ता चावल पाने की होड में बहुत से कार्ड धारी शासकीय योजना का गलत फायदा उठाते रहे। जिसके तहत बस्तर संभाग में ही 43190 राशन कार्ड ...
जगदलपुर : सस्ता चावल पाने की होड में बहुत से कार्ड धारी शासकीय योजना का गलत फायदा उठाते रहे। जिसके तहत बस्तर संभाग में ही 43190 राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए। आपको बता दें की सुकमा जिला इस अनियमतता में अग्रणी है। सुकम जिले में नियमन को ताक में रख कर एवं राशन दुकान संचालक ग्राम पंचायत तथा अधिकारियों के मिली भागत से ऐसे राशन कार्ड बनाए गए। 2020 से एक अभियान के तहत राशन कार्डों का सत्यापन भी किया गया था।
सूत्रों की माने तो उस दौरान 12167 राशन कार्ड अपात्र पाए गए थे। लेकिन इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। सुकमा जिले में पुनः सूक्ष्म जांच की गई तो स्वाभाविक है निरस्त कार्डों की संख्या और बढ़ेगी। आपको ज्ञात हो कि इस गड़बड़ी का खुलासा आधार नुमबरों की जांच करने पर अनियमितता पाई गई। जिनका खामियाजा सरकार को भुगतान पड़ा और राशन दुकानों से लगभग 21000 क्विंटल चावल अतिरिक्त खपत किया गया।
आइए अब बस्तर संभाग में जिलेवार निरस्त कार्डों की संख्या पर एक नजर डालें :
⦁ कांकेर : 5069 (निरस्त)
⦁ नारायणपुर : 1412 (निरस्त)
⦁ कोंडागाँव 2311 (निरस्त)
⦁ बस्तर : 10254 (निरस्त)
⦁ दाँतेवाड़ा : 3268 (निरस्त)
⦁ सुकमा : 12167 (निरस्त)
⦁ बीजापुर : 8709 (निरस्त)
बता दें जांच के लिए 5 कोड तय किए गए हैं। कार्ड के सत्यापन हेतु इन बातों का ध्यान दिया जाता है। कोड एक में आवेदक का नाम अन्य राशन कार्ड में सदस्य/ मुखिया के रूप में दर्ज है। कोड दो में कार्ड में मुखिया की मृत्यु पाया जाना। कोड तीन में हितग्राही का पात्र न होने, तथा कोड चार में भौतिक सत्यापन के दौरान हितग्राही का मौजूद न होना।
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