नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कई राज्यों की पूंजीगत परियोजनाओं को मंजूरी दी है. वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय के...
नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कई राज्यों की पूंजीगत परियोजनाओं को मंजूरी दी है. वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता' नामक योजना के तहत 8 राज्यों को 2,903.80 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं.
मंत्रालय ने इसके लिए बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, सिक्किम और तेलंगाना को कुल 1,393.83 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ को 282 करोड़ दिए गए हैं लेकिन फिलहाल 141 करोड़ की राशि जारी की गई है. योजना के तहत व्यय विभाग द्वारा 27 राज्यों के लिए 11,911.79 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। 2020-21 में राज्यों को 11,830.29 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
दरअसल महामारी की दूसरी लहर के मददेनजर विगत अप्रैल माह में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्यों को आवश्यक संसाधन प्रदान करने के उददेश्य से विशेष सहायता देने का फैसला था. इसीलिए पूंजीगत व्यय की राशि जारी करने का फैसला किया गया है. इसके लिए कुल 2,903.80 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं.
इस योजना के तहत राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में केन्द्र सरकार ने राशि देेेने का फैसला किया है इसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 15,000 करोड़ जारी किए जाएंगे. विशेष सहायता भी इसी के मददेनजर दी गई है. इस योजना के तीन भाग हैं:
भाग एक
योजना का पहला हिस्सा 8 उत्तर पूर्व राज्यों यानी असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा और उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्यों के लिए है। पूर्वोत्तर राज्यों में से प्रत्येक को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों को प्रत्येक को 400 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
भाग द्वितीय
योजना का यह हिस्सा अन्य सभी राज्यों के लिए है जो भाग-एक में शामिल नहीं हैं। इस हिस्से के लिए 7,400 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। यह राशि इन राज्यों के बीच वर्ष 2021-22 के लिए 15वें वित्त आयोग के निर्णय के अनुसार केंद्रीय करों में उनके हिस्से के अनुपात में आवंटित की गई है।
भाग-तीन
योजना का यह हिस्सा राज्य सरकारों को राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के निजीकरण/विनिवेश और संपत्ति के मुद्रीकरण/पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए है। इस भाग के तहत, राज्यों को योजना के तहत भाग-एक या भाग-दो के तहत उनके आवंटन के अलावा अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाएगी। योजना के इस हिस्से के लिए 5,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इस भाग के लिए धन "पहले आओ पहले पाओ के आधार पर" प्रदान किया जाएगा।
स्वीकृत और जारी की गई राज्य-वार राशि निम्नानुसार है :
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