* कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण, सैकड़ों की तादात में सिर मुंडवा कर, जिला परिवर्तन कर नारायणपुर जिले में शामिल करने की कर रहे हैं मांग। क...
* कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण, सैकड़ों की तादात में सिर मुंडवा कर, जिला परिवर्तन कर नारायणपुर जिले में शामिल करने की कर रहे हैं मांग।
कांकेर : कांकेर जिला के 58 गांव के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर, कांकेर जिला से पृथक कर नारायणपुर जिला में सम्मिलित करने की मांग पर डटे हुए हैं। धरना प्रदर्शन बीते 1 सप्ताह से आज भी कोलर चौक में जारी है।
अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में कुछ अलग अलग तरह के तरीके अपना कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कल अर्द्ध नग्न अवस्था में मैदान में उतरे हुए थे। आज वही 58 गांव के ग्रामीण अपना सर मुंडन करवा कर मैदान में उतरे हुए हैं। कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण 2007 से नारायणपुर जिले में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुचाने में लगे हुए है।
इसके बावजूद शासन इनकी मांग पर कोई कारगर कदम उठाने में रुचि नही दिखा रहा है। इससे कांकेर जिले 58 गांव के ग्रामीणों ने नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर तकरीबन 1 सप्ताह से अनिश्चित कालीन हड़ताल धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए है।
ग्रामीणों द्वारा अपनी मांगों को मनवाने के लिए अलग-अलग प्रकार से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है जिसके चलते उन्होंने अर्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन किया एवं सैकड़ों लोगों ने अपना सर मुड़वा कर प्रदर्शन किया। इससे 58 गांव के ग्रामीण कोलर चौक के पास अनिश्चय कालीन हड़ताल पर बैठे हुए है। इससे कोलर चौक धरना प्रदर्शन स्थल के रूप में तब्दील हो गया है।
जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बसे कांकेर जिले के 13 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीण नारायणपुर जिला गठन होने के बाद 2007 से कांकेर जिले की 13 ग्राम पंचायत के 58 गांव के ग्रामीण लगातार विभिन्न माध्यमों से नारायणपुर जिले में शामिल होने की मांग करते आ रहे है। इनमें कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- ब, अर्रा, मुल्ले एंव करमरी ग्राम पंचायत शामिल है।
इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कार्य के लिए 150 किमी का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय पहुंचना पडता है। जबकि इन ग्राम पंचायतों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 20 किमी तय करना पडता है
इसके साथ ही कांकेर जिले के 13 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीणों का रहन-सहन रिश्तेदारी, बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाए नारायणपुर जिला मुख्यालय से पूरी होती है। वही नारायणपुर जिला चिकित्सालय सहित रामकृष्ण आरोग्य धाम से इन ग्राम पचांयत के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध होती है। इसके साथ ही छात्र नारायणपुर के स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करते है। इससे कांकेर जिले के 13 ग्राम पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को नारायणपुर जिले से जन सुविधाए प्रदान होती है। वही कांकेर जिला मुख्यालय की दूरी ज्यादा होने के कारण इन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को शासकिय योजनाओं को लाभ पाने से वंचित होना पडता है। इन सभी बातों को संज्ञान में लेकर कांकेर जिले के 13 ग्राम पंचायतों के 58 गांव के ग्रामीण लगातार नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग करते आ रहे है।
लेकिन सरकार इन ग्रामीणों की मांग पर कोई कारगर कदम उठाते नजर नही आ रहा है। इससे कांकेर जिले 58 गांव के ग्रामीणों ने बुधवार से कोलर चौक में अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसमे सैकड़ो ग्रामीण नारायणपुर जिले में शामिल होने के मांग को लेकर सप्ताह भर से धरना प्रदर्शन में बैठ हुए है। धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है की हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है जब तक शासन प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करता हम धरने पर बैठे रहेंगे।
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