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छत्तीसगढ़: बालिका से दुष्कर्म के दोषी को न्यायालय ने सुनाई मौत होने तक जेल की सजा

अंबिकापुर। बलरामपुर जिले में पांच साल की अबोध बालिका से दुष्कर्म के मामले में 69 दिन के भीतर अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पास्को (एफटी...





अंबिकापुर। बलरामपुर जिले में पांच साल की अबोध बालिका से दुष्कर्म के मामले में 69 दिन के भीतर अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पास्को (एफटीसी) रामानुजगंज वंदना दीपक देवांगन की अदालत ने फैसला सुनाया है।आरोपित रामवृक्ष कोडाकू 32 वर्ष को मृत्युपर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई है।ऐसे घृणित अपराध के खिलाफ अदालत ने गंभीर टिप्पणी की है।पीड़िता को दस लाख रुपये मुआवजा देने की भी अनुशंसा की गई है।

बलरामपुर जिले की एक गांव की पीड़िता 12 अक्टूबर 2021 को पड़ोस के घर में टीवी देखने गई थी। रात्रि लगभग आठ बजे रोते- रोते घर आई थी। पूछने पर उसने आरोपित रामवृक्ष कोडाकू द्वारा घर ले जाने का झांसा देकर गलत कार्य करने की जानकारी दी थी। बच्ची की परिस्थिति को देखते हुए घर वालों ने उक्त घटना की जानकारी पस्ता थाने में दी थी।जांच के बाद मामला दुष्कर्म का सामने आया था।

आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था।एसपी रामकृष्ण साहू ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच कर प्रतिवेदन न्यायालय में अतिशीघ्र प्रस्तुत करने आदेश दिया था। मामले में पस्ता थाने द्वारा धारा 376 ए,बी भादसं एवं धारा 4/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पास्को (एफटीसी) रामानुजगंज वंदना दीपक देवांगन ने मात्र 69 दिनों में प्रकरण पर फैसला सुनाते हुए अपराध की प्रकृति तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए प्रस्तुत मामले में अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 5(ड)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास जिसका अभिप्राय अभियुक्त के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास से है तथा रुपये पचास हजार अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। उक्त प्रकरण में अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक शम्भू प्रसाद गुप्ता थे।

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