कर्मचारी अपना धर्म निभा रहे हैं, सरकार भी अपना राजधर्म निभाए-फेडरेशन केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 4 % क...
कर्मचारी अपना धर्म निभा रहे हैं, सरकार भी अपना राजधर्म निभाए-फेडरेशन
केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 4 % का वृध्दि के साथ जुलाई 22 में 38 % होने की संभावना है। जोकि अभी 34 % है। फरवरी 22 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) 125 अंक पर था। जोकि मार्च 22 में 1 अंक वृध्दि के साथ 126 अंक हो गया है। यदि AICPI अंक अप्रैल,मई और जून महीने में ऐसे ही बढ़ता रहा तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महँगाई भत्ता और महँगाई राहत 34 % से बढ़कर 38 % हो सकता है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ फिलहाल राज्य के कर्मचारियों को 1 मई 22 से 22% महँगाई भत्ता एवं पेंशनर्स को 17 % महँगाई राहत दिया जा रहा है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय महामंत्री आर डी तिवारी, प्रांतीय प्रवक्ता विधुशेखर झा,बस्तर संभाग अध्यक्ष भानुशंकर नागराज एवं बस्तर जिला अध्यक्ष रविन्द्र विश्वास ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के अनुशंसा के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते(डी ए) और महंगाई राहत (डी आर) 1 जनवरी तथा 1 जुलाई के स्थिति AICPI अंक के आधार पर रिवाइज़ होता है। इसका मूल वजह यह है कि बढ़ती महंगाई में भी कर्मचारियों का रहन-सहन का स्तर बेहतर बना रहे। ताकि उनके कार्यदक्षता एवं कार्य एकाग्रता पर विपरीत प्रभाव न पड़ सके।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार कर्मचारियों को महँगाई भत्ता स्वीक़ृति के मामले में हमेशा से पीछे रही है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है। महँगाई भत्ता के किश्तों को राज्य सरकार रोककर रखती है। एरियर्स देने से बचने के लिए सरकार कर्मचारियों को महँगाई भत्ता स्वीकृति के देय तिथि में परिवर्तन कर रही है ! उन्होंने जानकारी दिया कि 1 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2022 तक केंद्र के समान तत्समय महँगाई भत्ता देय नहीं होने के कारण मूलवेतन क्रमशः
₹20000 पर ₹ 56800 ; ₹30000 पर ₹ 85200 ;
₹40000 पर ₹ 113600 ;
₹50000 पर ₹ 142000 ;
₹60000 पर ₹ 170400 ;
₹70000 पर ₹ 199200 ;
₹80000 पर ₹ 227200 ;
₹90000 पर ₹ 255600 एवं
₹100000 पर ₹ 284000 का न्यूनतम आर्थिक क्षति हुआ है। वार्षिक वेतन वृध्दि को जोड़कर नुकसान और अधिक है। *इस दरम्यान सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी-अधिकारी को उनके पेंशन,ग्रेच्यूटी एवं अवकाश नगदीकरण गणना में नुकसान हुआ है।*
उन्होंने बताया कि उपरोक्त गणना जनवरी 20 से अप्रैल 22 तक 28 माह में 4 % पर; जुलाई 20 से अप्रैल 22 तक 22 माह में 3 % पर ; जनवरी 21 से अप्रैल 22 तक 16 माह में 4 % पर ; जुलाई 21 से अप्रैल 22 तक 10 माह में 3 % पर तथा जनवरी 22 से अप्रैल 22 तक 4 माह में 3 % पर कुल 80 माह में 17 % देय महँगाई भत्ता पर किया गया है। फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के प्रहरी एवं विकास के संवाहक होते हैं। राज्य के कल्याणकारी नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करते हैं। कर्मचारी लोकहित में अपना सम्पूर्ण कर्तव्य निभा रहे हैं। राज्य सरकार को भी कर्मचारियों को उनका सम्पूर्ण अधिकार देना चाहिये। फेडरेशन के जिला अध्यक्ष कांकेर चेतन राम जैन, कोंडागाँव प्रेमलाल सार्दुल, बीजापुर छेदीलाल सोरी,सुकमा पुष्कर वर्मा,दंतेवाड़ा अरविंद यादव सहित बस्तर संभाग के पदाधिकारियों/सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मामले को संज्ञान में लेकर कर्मचारी हित में निर्णय लेने का अपील किया है।
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