Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

मिनपा, सुकमा में सीआरपीएफ की एक अनोखी पहल, जरूर पढ़े जवानों ने पेश की मानवता की मिसाल

सी0 / 241 बस्तरिया बटालियन, के०रि०पु०बल, मिनपा, सुकमा, द्वारा एक अनोखी पहल सुकमा : मिनपा कैम्प चिंतागुफा थाना, जिला- सुकमा (छत्तीसगढ) क्षेत...

सी0 / 241 बस्तरिया बटालियन, के०रि०पु०बल, मिनपा, सुकमा, द्वारा एक अनोखी पहल


सुकमा : मिनपा कैम्प चिंतागुफा थाना, जिला- सुकमा (छत्तीसगढ) क्षेत्र के अन्तर्गत घने जंगलों में अत्यंत संवेदनशील एवम् नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित के०रि०पु०बल का कैम्प है। वर्तमान में यहाँ भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है जो कि हर वर्ष मार्च से जून माह में मानसून के आगमन तक जारी रहता है। इस अवधि के दौरान कई बार यहाँ तापमान 45 डिग्री को पार कर चुका होता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें मार्च से लेकर जून माह तक नदी नाले तालाब पोखर सूख चुके होते हैं। जहाँ मनुष्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों व जानवरों के लिए पानी उपल्बध नहीं रहता है। मनुष्य तो जहाँ तहाँ से करके अपनी व्यवस्था कर लेता है, परन्तु सबसे ज्यादा परेशानी इस गर्मी के मौसम में पशु पक्षियो व जानवरों को होती है। ये बेजुबान अपनी दुर्दशा किसी को नहीं बोल पाते हैं। इन महीनों में गायों के छोटे बछडे, पक्षियों व जंगली जानवरों के छोटे-छोटे बच्चे अपनी जान पानी के अभाव में जंगल में यूँही गवां देते हैं। अनेकों बार कैम्प के आस-पास कैम्प के वेस्टेज पानी के नमी वाले क्षेत्रों में जानवरों को पानी की तलाश में घूमते देखा गया है। ऐसे में सी / 241 बस्तरिया बटा. सी आर पी एफ ने गांव वालों के निवेदन पर गाय, बैल आदि पशु पंक्षियों व जंगली जानवरों की जान बचाने की ठानी और सोचा कि ऐसे तो हर वर्ष जंगली जानवर पानी के अभाव में मरते रहेगें और ग्रामीणों को नुकसान होता है। इसके अलावा पानी के अभाव में जंगली जानवरों, पशु व पक्षियों के मरने से जंगल भी जानवरों से विहीन हो जाएगें और पर्यावरण पर भी प्रभाव पडेगा । 


गांव वालों ने अपनी पीडा सी / 241 बस्तरिया बटालियन के कम्पनी कमाण्डर श्री सुभाष चन्द मीणा के समक्ष व्यक्त किया। इस प्रकार गांव वालों के निवेदन पर श्री पद्मा कुमार ए. कमाण्डेंट 241 बस्तरिया बटा. सी आर पी एफ के निर्देशन में श्री सुभाष चन्द मीणा सहायक कमाण्डेंट ने सी / 241 बस्तरिया बटालियन के जवानों की सहायता / श्रम से कैम्प की परिधि में जानवरों के लिए पानी की टंकी का निर्माण करवाया व उसमें प्रतिदिन पानी भरवाने की व्यवस्था किया। जब पानी की टंकी में पानी भरा गया तो देखा कि गाय, भैंस, छोटे बछडे, अनेकों प्रकार के पक्षी उसमें पानी पी रहे हैं। रात के समय हिरण आदि जंगली जानवर भी पानी पीने आते हैं।

No comments