जगदलपुर : ग्राम पंचायतों में प्रत्येक सप्ताह ग्रामीण सचिवालय प्रारंभ कर दिए जाने से अब स्कूली बच्चों से लेकर ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आ...
जगदलपुर : ग्राम पंचायतों में प्रत्येक सप्ताह ग्रामीण सचिवालय प्रारंभ कर दिए जाने से अब स्कूली बच्चों से लेकर ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आकर विभिन्ना दफ्तरों का चक्कर लगाना नहीं पड़ रहा है। ग्रामीण सचिवालय में ही राजस्व से लेकर राशन, पेंशन प्रकरण निपटा कर जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र आदि बनाने का काम पूर्ण हो रहा है।
जिस तरह जनपद और जिला पंचायतों में आयोजित बैठकों में विभिन्ना विभागों के अधिकारी संबंधित प्रकरणों को निपटाते हैं। ठीक उसी प्रकार हर ग्राम पंचायत में प्रत्येक सप्ताह निर्धारित दिन ग्रामीण सचिवालय आयोजित कर लोगों की शासकीय समस्याओं को निपटाने का भी नियम है परंतु लंबे समय से बस्तर के गांवों में ग्रामीण सचिवालय विधिवत आयोजित ही नहीं किए जा रहे थे, इसलिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आकर अपना काम निपटाने विभिन्ना कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ग्रामीण क्षेत्रों में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने पंचायतों में ग्रामीण सचिवालय संचालित नहीं होने की शिकायत की थी। इस शिकायत को सीएम ने गंभीरता से लेते हुए सभी जिला कलेक्टरों तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अनिवार्य रूप से ग्रामीण सचिवालय संचालित करने निर्देशित किया था। इसी के चलते ग्राम पंचायतों में ग्रामीण सचिवालय संचालित होने लगे हैं।
गुरुवार को ग्राम पंचायत बिलोरी क्रमांक (एक) में बड़ी संख्या में ग्रामीण जमीन नामांतरण, राशन कार्ड में नाम नाम जोड़ने, वृद्धा - निराश्रित पेंशन आदि समस्याएं तो छात्राएं आय, निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने यहां पहुंची थीं। सचिवालय की मॉनिटरिंग करने पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज ने बताया कि ग्रामीण सचिवालय की अवधारणा पंचायती राज व्यवस्था की प्रमुख कड़ी है। एक तरफ जहां ग्रामीण ग्राम सभा में अपनी जरूरतों के हिसाब से विकास कार्य तय करते हैं वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण सचिवालय में इनकी शासकीय योजनाओं से संबंधित समस्याएं हल होती हैं इसलिए ग्रामीण बड़ी संख्या में प्रत्येक सप्ताह ग्राम पंचायत पहुंच अपनी समस्याओं का निराकरण करवाते हैं।
ग्राम पंचायत बिलोरी के क्रमांक (एक) के सचिव कमलकिशोर कश्यप ने बताया कि ग्रामीण सचिवालय में आमतौर पर जमीन का नामांतरण, फौती नामांतरण, राशन कार्ड में नाम जोड़ने, पेंशन आदि प्रकरण आदि समस्याओं के साथ ग्रामीण पहुंचते हैं वहीं स्कूली बच्चे जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र बनवाने आ रहे हैं। हाई स्कूल बिलोरी के प्राचार्य आरडी तिवारी ने बताया कि बच्चे ग्रामीण सचिवालय में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं। इन आवेदनों को ऑनलाइन तहसील कार्यालय प्रेषित किया जाता है। लगभग सात - आठ दिनों में प्रमाण पत्र बच्चों को मिल जाते हैं। ग्रामीण सचिवालय की स्थापना से बच्चों और ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाकर कार्यालयों का चक्कर लगाना नहीं पड़ रहा है।
पशु चिकित्सा विभाग से पहुंचे जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर तत्काल गोवंशों को संबंधित बीमारियों का टीका लगाया जाता है इसलिए हर पंचायत के ग्रामीण सचिवालय में सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहते हैं। पटवारी सत्यनारायण सेठिया ने बताया कि गुरुवार को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने कुल 15 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। एक सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र बच्चों को वितरित कर दिए जायेंगे। संकुल समन्वयक उत्तम कुमार कुंडू ने बताया कि बच्चों को ग्रामीण सचिवालय जाकर अपने प्रमाण पत्र को दुरुस्त करने की सलाह दी जाती है ताकि वे प्रशासनिक प्रक्रिया को समझ सकें। अब बच्चों को अपने ही गांव में आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त हो रहे हैं। यह एक अच्छी पहल है।
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