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पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ के नाम एक और कीर्तिमान

जगदलपुर : इस 8 अगस्त  को 10 सदस्यीय भारती टीम में बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ पर्वतारोहन अभियान में फिर से शामिल हो देश राज्य व क्षेत्र का ...

जगदलपुर : इस 8 अगस्त  को 10 सदस्यीय भारती टीम में बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ पर्वतारोहन अभियान में फिर से शामिल हो देश राज्य व क्षेत्र का नाम नए रिकॉर्ड के साथ हासिल किया। मिशन हर घर तिरंगा, हर हाथ तिरंगा में लेह लद्दाख की चोटी माउंट मेन्टोक कांगड़ी 3 जिसकी ऊंचाई 6250 मीटर, मेन्टोक कांगड़ी 2, जिसकी ऊंचाई 6150 मीटर व मेन्टोक कांगड़ी 1 जिसकी ऊंचाई 6100 मीटर हैं...जंहा (-) माइनस टेम्प्रेचर, तेज हवाओं के बीच बेस कैम्प से रात 1.20 मिनट में निकल अपने अभियान को 1 बजे सफलता हासिल किया। साथ ही साथ देश का तिरंगा लहराया, राष्ट्रीयगान गा उन चोटियों पर विजयी देश का मान बढ़ाया। 17 घण्टे आरोहण अवरोहण लगातार कर सफलता हासिल किया।

             साथ ही साथ हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का राज्यकिय गीत " अरपा पैरी की धार, महानदी हैं, श्रृंगार" गीत उस चोटी पर गा हमारे राज्य को एक नई पहचान दिलवाया। एक साथ 3 पहाड़ो में लगातार चढ़ने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला हैं, बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़....
नैना का सफरनाम :
पहले कदम में जब अभियान के लिए 10 सदस्य निकले लेह लद्दाख से सब सुरक्षित थे। पर जब (लेह लद्दाख़) करजोक गांव के आगे सोमोरोरी लेक के पास ट्रांसिट कैम्प से निकले तो धीरे धीरे टीम के सदस्यों की तबियत बिगड़ रही थी। बेस कैम्प पहुँचते तब तक टीम के 3 सदस्य की सेहत सही नही थी। उनके उपचार के लिए उन्हें बेस कैम्प में छोड़, हम 7 सदस्य आगे बढे। जिसमे नैना सिंह धाकड़ 6 पुरुष पर्वतारोहियो में अकेली महिला पर्वतारोही थी। बेस कैंप 5300 मीटर पर था। 13 मई बेस कैम्प से निकल समिट कैम्प 5600 मीटर पर गए। खड़ी ऊंची, नीची, पथराव व जानलेवा रास्ते से होते हुए शाम 6 बजे समीट कैम्प 5600 मीटर पर पहुचे। पर एक पर्वतारोहि अभी तक नही पहुँचा था। बाकी सभी परेशान होने लगे। वो रात 8 बजे के बाद पहुचा। पर उसकी हालत गम्भीर थीं। पूरी रात परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौसम खराब व सब थके से थे। सुबह होते ही 7 में से एक पुरुष पर्वतारोहि की तबियत देख सब के होश उड़ चुके थे। अब कुछ पर्वतारोहि बीमार पड़े पर्वतारोहि को नीचे उतारने में लग गए। पर 2 पुरूष व बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ आगे चोटी फतह करने के लिए तैयार थे। 
14 अगस्त बीत गया, 15 अगस्त मिशन हर घर तिरंगा को आगे बढ़ना चाहे पर मौसम इतना ज्यादा खराब की 3 दिनों तक बर्फबारी, व्हाइट हाउस, बारीश, 70 से 80 स्पीड में चल रही हवा... उस समय मौसम के मात को सह 3 नो टेंट के अंदर ही अपना दिन काटने लग गए। खाना एक दिन का था जो खत्म हो गया था। पानी 10 मीटर दूर एक धार बह रही थी वो भी माईनस टेम्प्रेचर में जम चुकी थी। जो बोतल में पानी था उससे ही अपने शरीर से टच कर गर्म कर पी रहे थे। दिन गुजर रहा और सहने की शक्ति कम होते जा रही थी। अंत ऐसा हुआ कि 16 अगस्त को विचार कर नीचे आने का नैना ने सोचा। क्योंकि जो 2 पर्वतारोहि और थे उनके हेल्थ को देख, खराब मौसम में लीड कर बेस कैम्प के लिए निकल पड़े। मौसम बहुत ज्यादा खराब होने के चलते वह पूरी कोशिश कर बेस कैम्प 6 घण्टे के लगातार अवरोहण कर पहुँच गए। 
 
10 टिम वँहा आई। ऑर्मी, NCC, फॉरेनर्स, सिविलियन, नेपाली ...पर खराब मौसम को देख सभी बेस कैम्प से ही नीचे चले गए। पर नैना की टीम पूरे 8 दिनों तक वही टिकी रही...पर एक बार फिर हमने कोशिश किया, और 17 अगस्त की रात 1बज कर 20 मिनट में सीधे बेस कैम्प 5300 मीटर मेन्टोक कांगड़ी 3, जिसकी ऊंचाई 6250 मीटर हैं, सफलता के लिय निकल पड़े। और 18 अगस्त 2022 को 1बजे टॉप पर पहुँच देश का तिरंगा लहराया।
     1. देश का तिरंगा लहराया के साथ राष्ट्रीय गीत गाई।
     2. छत्तीसगढिया सबले बढ़िया बेनर व राज्य की गीत " अरपा पैरी की धार, महानदी हैं, श्रृंगार "गीत गाया।
     3. श्रीराम का झंडा.…व जय जय कार
     4.स्वामी विवेकानंद का बेनर (उठो जागो और तब तक नही रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये)
         6. बेटी नही किसी से कम, बेटी को मिलेगा देश को दम( बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ ) बेनर
         8. अमचो बस्तर का बेनर
         
                योग करो फिट रहो का संदेह 3नो पहाड़ो की चोटी से दे। योग कर खुद उस ऊंचाई पर से प्रेरित किया हैं। ....पूरे अभियान को सफलता हासिल कर कल ही बस्तर की बेटी स्वस्थ सुरक्षित बस्तर लौट रही हैं।..
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