जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा): शीर्षक से ही पता चलता है , कि आज की स्थिति में बारिश के मौसम में चित्रकोट जलप्रपात पूरे सवाब में रहता है लेकिन ...
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जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा): शीर्षक से ही पता चलता है , कि आज की स्थिति में बारिश के मौसम में चित्रकोट जलप्रपात पूरे सवाब में रहता है लेकिन पर्यटक जलप्रपात जाने हेतु देखने हेतु इस सड़क के मरम्मत के नाम जो कार्य किया जा रहा है उसकी जितनी निंदा करें शायद कम ही होगी। आपको बता दें संभाग मुख्यालय जगदलपुर में पूरे भारत देश से अलग - अलग प्रांतों से बल्कि यह कहना भी यह गलत नहीं होगा कि हर वर्ष बरसात के मौसम में विदेशों से भी पर्यटक चित्रकोट,मेंद्री घूमर (जलप्रपात), तामड़ा घूमर ( जलप्रपात), चित्रधारा बीजाकसा (जलप्रपात) आदि को देखने बड़े उत्साह और खुशी-खुशी पर्यटक आते हैं क्योंकि बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात विश्व प्रसिद्ध है ही एवं विश्व पटल में जलप्रपात को छत्तीसगढ़ का नियाग्रा भी कहा जाता है।
पर्यटन के नाम से केंद्र सरकार और राज्य सरकार नई - नई योजना लाती है एवं योजनाओं के नाम से पैसे भी बहुत आते हैं लेकिन धरातल में कुछ और ही मंजर देखने को मिलता है। वर्तमान स्थिति में नजर डाला जाए तो चित्रकोट सड़क अनेकों जगह बहुत ही जर्जर हो गई है जिसका मरम्मत कार्य कई महीनों से बदस्तूर जारी है या यूं कहें नाममात्र मरम्मत काम किया जा रहा है। टेकामेटा ढाल के नीचे आने पर लगभग डेढ़ किलोमीटर दो पहिया वाहन हो या चार पहिया या इससे बड़े वाहन भी चलते हैं जिसमें सवार लोगों का अंजर पंजर ही हिल जाता है, एवं आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं और वाहनों का बिगड़ना आम बात हो गई है। इस खबर के माध्यम से यह बताना भी जरूरी है कि कुमरावंड कृषि विश्वविद्यालय से लेकर चित्रकोट जलप्रपात तक अनेकों जगह सड़कों को बीच-बीच में काटा गया है उसका मरम्मत तो दूर उन गड्ढों में पीचिंग तक नहीं की गई है जबकि इस रोड से हमेशा वी .वी .आई. एवं वो .आई. पी. प्रशासनिक अमला, जनप्रतिनिधियों का प्रतिदिन आना जाना लगा रहता है। क्या उन्हें यह सड़क उड़न खटोला का आनंद देती है ?
अब हम चित्रकोट जलप्रपात के समीप ब्लॉक मुख्यालय लोहंडीगुड़ा पहुंचते हैं तो जैसे ही थाना लोहंडीगुड़ा को पार करती हैं तो लगभग आधा किलोमीटर सड़क बहुत ही जर्जर हो गई है जिसकी फोटो और वीडियो देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं क्या यह सड़क लोगों के उपयोग के लायक है?
सर्वविदित है बस्तर का दशहरा 75 दिनो का होता है जिसके विधि विधान शुरू हो चुके है, दशहरा एवं नवरात्रि के समय बस्तर के विश्व प्रसिद्ध दशहरा को देखने देश एवं विदेशों से लोग आएंगे और अपने साथ अधिकांश लोग एक सपना संजोग कर आते हैं। की छत्तीसगढ़ के बस्तर जाएंगे तो चित्रकोट का आनंद लेने जरूर जाएंगे लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सभी के हाथों में लगभग निराशा ही हाथ लगेगी जिसका विपरीत संदेश पूरी दुनिया में जाएगा।
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