जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा) : विकासखंड लोहंडीगुड़ा के अंतिम छोर वाले ग्रामों की स्थिति बहुत ही नाजुक है, यहां के ग्राम पंचायतों में बहुत स...
जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा) : विकासखंड लोहंडीगुड़ा के अंतिम छोर वाले ग्रामों की स्थिति बहुत ही नाजुक है, यहां के ग्राम पंचायतों में बहुत सी खामियां देखने को मिली। यदि बात किया जाए ग्राम पंचायत पालम के सरपंच सुकुल राम कश्यप, ग्राम पटेल मात्र एक पंच एवं गिने-चुने ग्रामीणों से ग्राम सचिवालय में मुलाकात हुई। ग्राम सचिवालय की बैठक प्रत्येक गुरुवार को रखी जाती है, ऐसा सरपंच ने बताया। वहा हमने देखा ग्रामीण तो आए थे, लेकिन सचिव महोदय काफी विलंब से पहुंचे। सरपंच ने इस संदर्भ पर पूछने पर बताया गया कि "सचिव के कार्यप्रणाली से हम सब ग्रामीण बहुत परेशान हैं। हम लोगों ने कई दफे सचिव की शिकायत उच्च अधिकारियों को की, परंतु सचिव की पहुंच शायद काफी ऊपर तक है, ऐसा प्रतीत होता है।"
बता दें गांव वालों के इतने विरोध के बाद भी इस सचिव को 2 पंचायतों का प्रभार दिया गया है। इन्हें ककनार पंचायत का भी प्रभार दिया गया है। ककनार के उपसरपंच नारायण सेठिया ने भी सचिव ललित गौतम के प्रति नाराजगी जताई एवं उनके कार्य शैली पर असंतुष्टता जाहिर की। दोनों सरपंचों ने एक ही बात कही की इस सचिव को हमारी पंचायतों से अन्यत्र तबादला किया जाए, जिससे आज तक हमारे पंचायतों में जो सुचारू रूप से काम नहीं हो रहा है उसमें गति आएगी।
राशन दुकानों में भी हालत गंभीर :
राशन दुकान के बारे में ग्रामीणों ने शिकायत की और बताया कि "हमारे गांव में मिट्टी तेल कभी नहीं आता। हम लोगों को दीये में खाने का तेल डालकर काम चलाना पड़ रहा है, जो कि हमारे लिए बहुत ही महंगा साबित होता है। इसी तरह शक्कर का कोटा भी लगभग नहीं आता, पूछने पर गोल मोल जवाब देकर संचालक द्वारा पल्ला झाड़ दिया जाता है।" अभी मौसम की वजह से लगातार बिजली गुल होना तो आम बात है, लेकिन बहुत से ग्रामीण ऐसे भी हैं, जिनके घरों में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे ग्रामीणों को शाम में अंधेरा होते ही चिमनी या लालटेन के भरोसे रहना होता है। इनमें ईंधन के रूप में मिट्टी के तेल का उपयोग किया जाता है। वैसे ही दुर्गम स्थान होने कि वजह से ग्रामीणों को शक्कर, चना और अन्य
कुछ मजदूरों ने विगत वर्षों पंचायत द्वारा कराए गए काम में मजदूरी नहीं दिए जाने की बात बताएं जब मजदूरी भुगतान हेतु सचिव से मांग की जाती है तो उनका कहना होता है कि सरकार के पास पैसा ही नहीं है तो मैं कहां से लाकर दूंगा ।
सरकार की एक योजना है श्रद्धांजलि योजना जिसमें गांव का कोई भी व्यक्ति जो गरीबी रेखा के अंदर है उसकी किसी भी स्थिति में मृत्यु हो जाती है तो उसे श्रद्धांजलि स्वरूप 2000 रुपये देना होता है जो कि यहां कभी भी नहीं दिया गया ।
इसी तरह यहां बहुत सी समस्याएं हैं जिस पर सम्बन्धित अधिकारी को उन पंचायतों में जाकर स्थिति भली-भांति देख जानकर कार्य करना चाहिए और दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही भी होनी चाहिए।
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा यह :
खण्ड शिक्षा अधिकारी लोहंडीगुड़ा चंद्रशेखर यादव ने बताया कि लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के इन दुरस्त ग्रामों में शिक्षकों की कमी बहुत बड़ा मुद्दा है। इसे समझने और इसका समाधान निकालने के लिए हमने अलग-अलग विभागीय टीम गठित की है, जिसमें बीईओ और एबीईओ की टीम ने गांव में जाकर वहां की समस्याओं को समझते हैं। हमने उन गांवों में मैट्रिक पास बच्चों को भी इन शालाओं में पार्ट टाइम पढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। शिक्षकों की कमी में इन ग्रामों में बच्चों की पढ़ाई निश्चित रूप से बाधित हो रही है।"
खंड शिक्षा अधिकारी को पालम कचनार और अन्य गांवों में शिक्षकों की कमी और शाला भवन में कक्ष संख्या की कमी के बारे में हमारे द्वारा अवगत कराया गया। जिस पर उन्होंने जल्द ही कोई समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
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