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आयुर्वेदिक अधिकारी संघ के नव नियुक्त अध्यक्ष ने रखी अपनी मांग

जगदलपुर (वेदान्त झा) :   छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक अधिकारी संघ के पदाधिकारियों के साथ नवनियुक्त प्रांताध्यक्ष डॉ. पतंजलि दीवान ने जगदलपुर के जिला ...

जगदलपुर (वेदान्त झा) : छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक अधिकारी संघ के पदाधिकारियों के साथ नवनियुक्त प्रांताध्यक्ष डॉ. पतंजलि दीवान ने जगदलपुर के जिला पत्रकार संघ के सभागार में पत्रकार वार्ता किया। जिसमें नगर के पत्रकारों ने डॉ. दीवान से विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की, तथा संघ के मांगों को लेकर शासन की ओर से किए गए वादा खिलाफी पर संघ अध्यक्ष ने बड़े जोर शोर से रोष प्रकट किया। इसके बारे में डॉ. पतंजलि दीवान ने कहा कि "छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले हमारे सभी संविदा कर्मियों को नियमितीकरण का वादा किया था। अभी तक राज्य में काँग्रेस कि सरकार बनें तीन वर्ष से ऊपर का समय बीत चुका है, और इतने सत्र होने के बाद भी हमारे विषय में कोई फैसला नहीं लिया गया है।" उन्होनें सभी सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि "साजिश के तहत अब तक आयुर्वेद को पूर्वर्ती से वर्तमान सरकारों में कोई विशेष दर्ज नहीं मिल है। हमारे संघ के सदस्य ग्रामीण इलाकों में संविदा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्य कर रहें हैं। पौराणिक काल से ही आयुर्वेद और योग का बाद गहरा संबंध रहा है। उसके बाद भी आज के समय में आयुर्वेद को दरकिनार करके सरकारें योग को प्रचारित कर रही है। ये बहुत बाद षड्यन्त्र है।"



उन्होंने आगे कहा कि "हमारे संघ से जुड़े सभी पदाधिकारी और सदस्य साल 2003 से छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में लगातार ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। उसके बाद भी आज तक सरकार ने हमारी सुध नहीं ली।" संघ के एक अन्य पदाधिकारी नैन कहा कि "आयुर्वेदिक चिकित्सक के तौर पर कार्य करते हुए हमें इतने वर्ष का अनुभव है। हम आज के समय में हमारे चिकित्सालयों में कार्यरत चपरासी से भी कम वेतन लेने को मजबूर हैं। ऐसे में हमारे परिवार के पालन पोषण और अन्य खर्चों में हमें बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है।" उन्होंने आगे कहा कि "सरकार को इस बात की खबर ही नहीं है कि हमारे रहने मात्र से ग्रामीण इलाकों में महामारी कोरोना काल में भी हमने ग्रामीणों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कितनी महती भूमिका निभाई है। इन सब सेवाओं को देखते हुए सरकार को हमारी सुध लेनी चाहिए।"  
डॉ पतंजलि ने अंत में कहा कि "मैं प्रशासन से निवेदन करना चाहूँगा किआयुर्वेद का एक opd शहर के मध्य में खुलना चाहिए। इससे शहर में आयुर्वेद का प्रचार भी होगा और आम जनों को फायदा होगा। हमारा संघ राज्य कीभूपेश सरकार से यही गुहार लगाता है कि वे जल्द से जल्द हमारे नियमितीकरण और वेतन वृद्धि के विषय में फ़ैसला लें।"

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