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सातवें आयुर्वेद दिवस की तैयारी जोरों पर, ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ आयुष विभाग ने बांटे औषधीय पौधे

जगदलपुर : केंद्र सरकार के अधीन आयुष मंत्रालय के द्वारा सम्पूर्ण देश में भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने क...

जगदलपुर : केंद्र सरकार के अधीन आयुष मंत्रालय के द्वारा सम्पूर्ण देश में भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आचार्य धनवंतरी की जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में विगत छह वर्षों से मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी 22 अक्टूबर को धनवंतरी जयंती के दिन सातवां आयुर्वेद दिवस मनाया जाना है। इसी तारतम्य में आज ग्राम पंचायत करंजी में भी ग्रामीणों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयुष विभाग के कर्मचारियों द्वारा औषधिय पौधे बांटें गए। 




बतादें ग्रामीणों को निरोगी काया के लिए आयुर्वेद को रोजाना के उपयोग में शामिल करने का संदेश आयुष विभाग द्वारा दिया गया। वहीं करंजी की आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ कविता वट्टी ने जानकारी दी कि 

"आज हमारे विभाग के द्वारा ग्रामीणों को आयुर्वेद दिवस के पहले आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता रैली निकाल कर हम आयुष विभाग कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा औषधीय पौधे भी बांटें गए। इस रैली के माध्यम से ग्रामीण और राहगीर भी हमारी जागरूकता का लाभ ले रह है। यह भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सकीय पद्धति है। जिसके लाभों के विषय में आज हम अनभिज्ञ हैं। आयुर्वेद हमारे शरीर को भीतर से मजबूत बना कर रोगों को हमसे दूर रखती है। यह पूरी तरह से हमारी रोजमर्रा की उपयोग की वस्तुओं के सेवन पर आधारित है। इसलिए हमें आयुर्वेद को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।"


इसी तरह विकासखंड बकावंड के मूली और अन्य इलाकों में भी ऐसी जागरूकता रैली निकाली गई। डॉ योगेश शर्मा से प्राप्त तस्वीरें :






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