रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय महामंत्री आर डी तिवारी, बस्तर जिला अध्यक्ष रविंद्र नाथ विश...
रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय महामंत्री आर डी तिवारी, बस्तर जिला अध्यक्ष रविंद्र नाथ विश्वास, प्रांतीय प्रवक्ता एवं बस्तर संभाग उपाध्यक्ष विधु शेखर झा का कहना है कि
कर्मचारियों के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन एवं हड़ताल के कारण 6 माह में महंगाई भत्ते में 16 % का वृध्दि हुई है। साथ ही सातवे वेतनमान के एरियर्स की 5 वीं किश्त का राज्य शासन ने भुगतान का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने महँगाई भत्ता में 1 मई 22 से 5%, 1 अगस्त 22 से 6 % तथा 1 अक्टूबर 22 से 5% कुल 16% का वृध्दि किया है। जिसके कारण सातवे वेतनमान के मूलवेतन में
• ₹ 20000 के वेतन में मई 2022 से अक्टूबर 2022 तक न्यूनतम ₹ 3200 का वृद्धि हुआ है।
• इसी प्रकार ₹ 30000 में ₹4800;
• ₹40000 में ₹6400,
• ₹ 50000 में 8000,
• ₹60000 में ₹ 9600,
• ₹ 70000 में ₹ 11200,
• ₹ 80000 में ₹12800,
• ₹ 90000 में ₹ 14400,
• ₹100000 में ₹ 16000,
• ₹ 110000 में ₹ 17600 एवं
• मूलवेतन ₹ 120000 के आसपास वेतन पाने वाले अधिकारियों के वेतन में ₹ 19200 का इजाफा हुआ है।
उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल 22 के स्थिति में राज्य के कर्मचारी-अधिकारी को मिलने वाला 17% महँगाई भत्ता
✓ 1 मई 22 से 22%,
✓ 1 अगस्त 22 से 28% एवं
✓ 1 अक्टूबर 22 से 33% हुआ है।
हालांकि राज्य शासन के कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय माँगपत्र के मुद्दों में केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन में गृहभाड़ा के माँग पर लंबा आंदोलन-हड़ताल किया है। राज्य शासन ने कर्मचारियों के माँग को ध्यान में रखते हुए दिवाली महापर्व 2022 के अवसर पर 1 जनवरी 2016 से लागू हुए सातवे वेतनमान के एरियर्स की 5 वीं किश्त स्वीकृत की है।
पद तथा वरिष्ठता आधारित वेतन अनुसार
• चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को ₹ 8000 से अधिक;
• तृतीय वर्ग कर्मचारी को ₹ 10000 से अधिक ;
• द्वितीय वर्ग को ₹ 20000 से अधिक तथा
• प्रथम वर्ग को ₹ 35000 से अधिक सातवे वेतन का बकाया एरियर्स अक्टूबर 2022 में मिल रहा है। जोकि 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017 का है।
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती शासन ने पुनरीक्षित वेतनमान 2017 के अंतर्गत 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक 18 माह के बकाया वेतन के एरियर्स का भुगतान 6 किश्तों में करने का निर्णय लिया था। जिसमें अब 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 तक का अंतिम किश्त बकाया है। लेकिन गृहभाड़ा भत्ता को सातवे वेतनमान में पुनरीक्षित नहीं किया था। राज्य के कर्मचारियों को आज पर्यन्त छठवे वेतनमान के वेतन पर 10% एवं 7% क्षेत्र वर्गीकरण अनुसार गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से सातवे वेतन का 16% एवं 8% तथा 1 जुलाई 2021 से 18% एवं 9% पुनरीक्षित गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से अब तक 82 माह में पुराने 10% एवं 7% की दर में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को न्यूनतम
• ₹ 78146 एवं ₹ 54694 ;
• तृतीय वर्ग कर्मचारी को ₹ 177366 एवं ₹ 124148 ;
• द्वितीय वर्ग को ₹ 281014 एवं ₹ 196718 तथा
• प्रथम वर्ग को ₹ 593598 एवं ₹ 415494 की आर्थिक क्षति हो गई है। जोकि सातवे वेतनमान के पुनरीक्षित दर क्रमशः 16% एवं 8% तथा 18% एवं 9% में और अधिक होगा।
उन्होंने एक वक्तव्य
लड़ाई लड़नी पड़ेगी और लड़ोगे तभी जीतोगे बिना लड़ाई के कोई जीत होती है क्या ?
का पूर्ण समर्थन किया है।
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