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कैसे बुझेगी प्यास, नलों में सिर्फ 15 मिनट पानी

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जगदलपुर : सालों से बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट समस्या बना हुआ है। कई गांव में अभी भी पानी की टंकी का आभाव है। पानी के लिए यहां क...

जगदलपुर : सालों से बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट समस्या बना हुआ है। कई गांव में अभी भी पानी की टंकी का आभाव है। पानी के लिए यहां के ग्रामीणों को छोटे तालाबों और डबरी पर निर्भर रहना पड़ता है। मावलीगुड़ा, रेटावन्ड, भालुगुड़ा, कोटेकामा और पीपलावंड आदि गावों में जल संकट से लोग जूझ रहे हैं। कोसारटेडा से आने वाला पानी भी इन गाँवो का प्यास बुझा पाने में असमर्थ है।

बस्तर जिले के दर्जनों गाँव के लोग तालाब और डबरी पर आश्रित

अमृत मिशन योजना बना शो पीस
सरकार की अमृत मिशन योजना अभी भी कई गाँवो में पहुँच नहीं पाया है। बस्तर में पेयजल की समस्या बनी हुई है। जल संकट से जूझ रहे लोगों को अमृत मिशन योजना के तहत घरों में नल कनेक्शन दिये जाने पाइप बिछाया गया है लेकिन वह भी शो पीस बन कर रह गया है। यह कनेक्शन दिए जाने के साल बीतने के बाद भी इस नल में जल धारा के पहुँचने का इंतजार ग्रामीणों को है।
सिर्फ 15 मिनट पानी कैसे बुझेगा प्यास
पूर्व उप सरपंच डमरू सिंग ठाकुर के मुताबिक बस्तर जिले के कई ब्लॉक में आज भी पानी की आपूर्ति सही ढंग से नही हो पा रहा है। कई कई गाँवो में पेयजलापूर्ति के नाम पर नल कनेक्शन दिए गए हैं इन नलों
में सिर्फ 10 से 15 मिनट पानी की सप्लाई होती है। इतने कम समय मे लोग को पानी की पूर्ति नहीं हो पाता यही वजह है कि इन ग्रामीणों के दूसरों के रहम पर निर्भर रहना पड़ता है। जिन घरों में नल कनेक्शन जमीन के नीचे है वहां पर पानी अच्छे से पहुंचता है लेकिन जिन घरों में कनेक्शन उपर है वहाँ पानी नहीं आता। लोग नल कनेक्शन होने के बावजूद पानी के लिए भटकते रहते हैं।
पानी टंकी नहीं कैसे मिलेगा पानी
बस्तर के मावलीगुड़ा, जामगुड़ा, परेगुड़ा, रेटावन्ड, भालुगुड़ा, कोटकामा जैसे दर्जनों गाँवो में कज भी पानी टंकी का आभाव है। पानी टंकी नहीं होने से पर्याप्त मात्रा में पानी का सप्लाई नलों में नहीं हो पाता। यहां बोर अथवा कोसारटेडा से आने वाले पानी का प्रेशर नहीं होने से कई घर पानी से वंचित रह जाते हैं। गाँवो में ओवरहेड पानी टंकी होने से नलों में प्रेशर के साथ पानी आने से लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकता है।



तालाबों व डबरी के पानी पर निर्भर
मावलीगुडा पंचायत के ग्रामीण जगबंधु ठाकुर ने बताया कि बस्तर ब्लॉक के कई गाँवो के ग्रामीण अभी भी निस्तारण के लिए नदियों, तालाबों और डबरी के पानी पर निर्भर हैं। कई बार गर्मियों में पानी सूख जाने से परेशानी बढ़ जाता है। जलापूर्ति के आभाव में ग्रामीण दूषित पानी पीने मजबूर हैं। पानी की समस्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है लेकिन प्रशासन लोगों को राहत देने के नाम पर अमृत जल योजना का कनेक्शन घर घर पहुँचा दिया है लेकिन इन घरों के लोग बूंद भर पानी के लिए तरस रहे हैं। यही वजह है कि इन गाँवो के लोग अभी भी नदी, नालों और तालाब के दूषित पानी पीने मजबूर हैं।

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