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"तिमाही परीक्षा" बिना शिक्षक ही संपन्न

• प्रशासनिक निरंकुशता का खामियाजा भुगतने को मजबूर लोहंडीगुड़ा के अंतिम छोर के निवासी • जगदलपुर लौंडी बूढ़ा के अंतिम छोर में बसे गांव की निवा...

• प्रशासनिक निरंकुशता का खामियाजा भुगतने को मजबूर लोहंडीगुड़ा के अंतिम छोर के निवासी
• जगदलपुर लौंडी बूढ़ा के अंतिम छोर में बसे गांव की निवासी छात्रावास सी विद्यार्थी और आसम के बच्चे
जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा) : विकास खंड लोहंडीगुड़ा के अंतिम छोर में बसे गांव पालम, महिमा, ककनार, चंदेला और धर्मा बेड़ा के अध्ययनरत बच्चे मूलभूत सुविधा, मुख्य रूप से शिक्षकों का अभाव इनकी सबसे बड़ी समस्या है। इसी अभाव में यहां के बच्चे हाल में ही तिमाही की परीक्षा दे दी। यदि गौर किया जाए तो यहां परीक्षा के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति मात्र ही दिखता है। इस क्षेत्र में शुरू से ही शिक्षकों के अभाव में यहां की शिक्षा प्रणाली चल रही है। 



यहां के ग्रामीणों का कहना है कि शालाओं में या तो एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मजबूर है। कुछ शाला में तो एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं को पढ़ाने को मजबूर हैं। आश्रम शालाओं का हाल भी लगभग इसी तरह ही है। आश्रम में अधीक्षक ही शिक्षक का कार्य करते हैं। आश्रम का संचालन भी कर रहे हैं। 

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत करने पर इसकी जिम्मेदारी वे खंड शिक्षा अधिकारी पर डाल देती हैं और खंड शिक्षा अधिकारी से चर्चा करने पर जिला शिक्षा अधिकारी को इस हेतु पत्र भेजा गया है, यह कह देते हैं। 
कुल मिलाकर प्रशासनिक गलतियों का खामियाजा अध्यनरत विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को झेलना पड़ रहा है।

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