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कृषि विभाग द्वारा बड़ांजी में शिविर लगाकर बांटा गया बीज, 120 किसान लाभान्वित

जगदलपुर : कृषि विभाग द्वारा कल बड़ांजी में कृषकों को चने का बीज व अन्य वस्तुएं वितरित की गई। कार्यक्रम में कुल 120 किसानों को बीज वितरण किय...

जगदलपुर : कृषि विभाग द्वारा कल बड़ांजी में कृषकों को चने का बीज व अन्य वस्तुएं वितरित की गई। कार्यक्रम में कुल 120 किसानों को बीज वितरण किया गया। इस वितरण कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष के मुख्य आतिथ्य में बीज वितरण किया गया। इनके साथ सिरिसगुडा सरपंच हिडमो राम मांडवी, बड़ांजी सरपंच और कृषि विस्तार अधिकारी पाटकर भी उपस्थित थे।

जनपद अध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि 
"आज यहां हमने लगभग 80 किसानों को बीज और अन्य सामग्रियों का वितरण किया है। कुल 120 किसानों को दिया जाना है, जिसे आज पूर्ण वितरण किया जाना है।"
ग्रामीणों ने उठाया मवेशियों की समस्या का सवाल
सबसे पहले हमसे बात करते हुए टाकरागुड़ा सरपंच हिड़मो राम मंडावी ने कहा कि "शासन की योजना बहुत अच्छी है, मगर हमारे आस पास के गांवों में सबसे बड़ी समस्या गाय बैलों की चराई के लिए सही रख रखाव की व्यवस्था न होना है। हम कृषक बहुत अच्छी खेती कर सकते हैं, लेकिन पलटी मवेशियों के खुले घूमने के कारण कई अच्छी फसलें खराब हो जाती हैं।" उन्होंने इसके समाधान के लिए कहा कि "हमारी पुरानी पीढ़ियों के पास न सिंचाई के लिए बोर हुआ करता था, और न ही इतनी सुविधा थी। फिर भी वे बहुत अच्छी पैदावार इन्ही गांवों में किया करते थे। आज हमारे पास सभी तकनीक हैं, फिर भी हम मवेशियों की वजह से अच्छी फसल नही लगाते। यह इलाका चने की खेती के लिए सबसे उत्तम है। इसके लिए हमे पुलिस के सहयोग से आस पास के सभी ग्रामों के मुख्य लोगों को बुलाकर, मवेशी के स्वामियों को उनकी व्यवस्था और चराई के लिए समझाइश देना पड़ेगा। इससे अपने आप खेती में अच्छी पैदावार हम कृषक करके दिखाएंगे। मुख्य अथिति महेश कश्यप ने भी अपने वक्तव्य में इनकी बातों पर अपनी सहमति जाहिर की।


कृषि अधिकारी ने शासन के चरवाहा नियुक्त किए जाने की जानकारी दी:

लोहंडीगुड़ा क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी पाटकर जी ने जानकारी दी कि "छत्तीसगढ़ शासन की ओर से हर एक गांव में चरवाहे नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। इन्हें मासिक वेतन और अन्य लाभ दिए जायेंगे। प्रत्येक गांव में चरवाहे के नाम से 3000₹ का प्रावधान है। जिसमे एक या दो चरवाहे नियुक्त किया जाना है। इनका काम कृषकों की फसल में मवेशियों की चराई रोकना और मवेशियों को सही स्थान में चराने का कार्य रहेगा।

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