• पहुंचे जिला स्तरीय आला अधिकारी • आदिवासी समाज ने ग्रामीणों को घर वापिस भेजा • उपद्रवियों ने बिगाड़ा समीकरण, पुलिस की गाड़ी को किया तोड़फो...
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• पहुंचे जिला स्तरीय आला अधिकारी• आदिवासी समाज ने ग्रामीणों को घर वापिस भेजा
• उपद्रवियों ने बिगाड़ा समीकरण, पुलिस की गाड़ी को किया तोड़फोड़
जगदलपुर (वेदांत झा) : लोहंडीगुड़ा के ग्राम आंजर में कल शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को उस समय बड़ा झटका लगा जब वहां आए कुछ उपद्रवियों ने अचानक पुलिस की एक गाड़ी में हमला बोल दिया। मौके पर उपस्थित आदिवासी समाज के नेताओं ने ग्रामीणों की इस कृत्य के लिए प्रशासन से माफी मांगी। कल सुबह से ही ग्रामीण आंजर के मैदान में उपस्थित थे। इसके पहले ग्रामीणों ने प्रशासन को 12 घंटों की मोहलत दी थी। जिसमे उन्होंने मांग की थी कि जल्द से जल्द मृत युवती के शव को रूढ़िगत मरघट में दफन स्थल से बाहर निकाल कर आदिवासी परंपरा के अनुसार दफनाया जाए। इसकी चर्चा करने के लिए आज गांव में मृतिका के परिजन और ईसाई समाज के प्रतिनिधि आंदोलन स्थल में बुलवाए गए थे। इन प्रतिनिधियों के साथ आदिवासी समाज प्रमुखों ने बात की, और निष्कर्ष निकालने के लिए एक पत्र बनाया जा रहा था। इस बीच चारों ईसाई प्रतिनिधियों को पुलिस द्वारा अपनी वाहन में बैठाया गया। वाहन में बैठते ही भिड़ अचानक उग्र हो उठी और कुछ लोगों ने पत्थर और डंडों से पुलिस वाहन पर हमला कर दिया। पुलिस की वाहन भीड़ को चीरती हुई वहां से निकली गई। इसके बाद कुछ समय तक लगातार ग्रामीणों ने आवेश में आकर पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी की और पुलिस पर कंकड़ और पत्थर भी फेके गए। इस घटना में किसी भी प्रशासनिक कर्मचारी या अधिकारी को चोट नहीं आई। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक भी मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने संयम का परिचय देते हुए ग्रामीणों को समझाया और ऐसी स्थिति में भी लाठी चार्ज जैसी परिस्थिति नहीं आई।
अंत में आदिवासी समाज प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पंचनामा बनाकर निष्कर्ष निकाला गया की अगले 15 दिनों तक गांव में कोई भी बाहरी नेता नहीं आएंगे, और भिड़, जुलूस या आंदोलन नहीं किया जाएगा।
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