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रावघाट रेल परियोजना : सांसद दीपक बैज द्वारा रेल मंत्रालय से पूछे सवाल के जवाब ने बस्तर के लिए जगाई उम्मीद

• दो चरणों में परियोजना होगी पूर्ण • रेलवे ने दल्लीराजहरा- रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (235 किलोमीटर) परियोजना का दो चरणों में निर्माण किया है श...

• दो चरणों में परियोजना होगी पूर्ण
• रेलवे ने दल्लीराजहरा- रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (235 किलोमीटर) परियोजना का दो चरणों में निर्माण किया है शुरू 
• चरण 1 में दल्लीराजहरा से रावघाट (0-95 कि.मी.) तक और  चरण 2 रावघाट से जगदलपुर (95-235 कि.मी.) 140 कि.मी. है।
नई दिल्ली : कल संसद में बस्तर सांसद दीपक बैज द्वारा पूछे सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्रालय अश्विनी वैष्णव से जवाब आया। इसमें जगदलपुर रावघाट रेल परियोजना में आ रही देरी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। ज्ञात हो कि इन दिनों बस्तर में इस मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है। हाल ही में बस्तर रेल आंदोलन के नाम से भी आंदोलन किया गया है। 
आइए जानते है कि सांसद दीपक बैज द्वारा क्या सवाल किया गया था, और उसके साथ ही प्राप्त जवाब :

21.12.2022

नियम 377 के अधीन सूचना

दल्लीराजहरा-जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन निर्माण की मांग कई दशक पुरानी है। इस परियोजना के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति 1993 में योजना आयोग से मिली। 2011 में इस रेल खण्ड का निर्माण प्रारंभ हुआ, इसके बनने से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जिला बस्तर के अंतर्गत नारायणपुर, कोंडागांव एवं जगदलपुर सहित विभिन्न कस्बे सीधे जुड जाएंगे, इससे लाखों लोगों को जगदलपुर से रायपुर आवागमन में मात्र 3 से 4 घंटे लगेंगे ।

इस रेल खण्ड के निर्माण के अभाव में रायपुर पहुंचने के लिए यात्रियों को वाया विशाखपटनम् या झरसुगुडा होते हुए रायपुर पहुंचने में 15 से 16 घंटे लगते हैं जबकि यही दूरी बस द्वारा 4 से 5 घंटे में पूरी हो जाती है और उक्त रेल खण्ड बनने पर ट्रेन से यात्रा करने पर रायपुर पहुंचने में 3 से 4 घंटे ही लगेंगे। खेद की बात है कि इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, यह अत्यंत चिंता की बात है।

केन्द्र सरकार से मेरी मांग है कि अविलम्ब दल्लीराजहरा जगदलपुर- रावघाट रेल लाइन निर्माण पूर्ण कराया जाए जिससे स्थानीय नागरिक रेल मार्ग से रायपुर कम समय में पहुंच सकें।

दीपक बैज भा. रा. का. विभाजन संख्या- 515

सवाल :

भारत सरकार रेल मंत्रालय

लोक सभा

21.12.2022 के

तारांकित प्रश्न सं. 213 का उत्तर

जगदलपुर और रावघाट के बीच रेल लाइन का निर्माण

•213. श्री दीपक बैज:

क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) क्या जगदलपुर-रावघाट- दल्लीराजहरा रेल लाइन परियोजना का भूमि पूजन 28 सितंबर, 2018 को किया गया था;

(ख) यदि हां, तो उक्त रेल लाइन की वर्तमान स्थिति क्या है;

(ग) जगदलपुर- रावघाट रेल लाइन के निर्माण की अब तक की स्थिति क्या है; और

(घ) उक्त परियोजना के कब तक पूरा होने की संभावना है और इस दिशा में हुई प्रगति का ब्यौरा क्या है?

उत्तर :

रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (श्री अश्विनी वैष्णव)

(क) से (घ): विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।

जगदलपुर और रावघाट के बीच रेल लाइन के निर्माण के संबंध में दिनांक 21.12.2022 को लोक सभा में श्री दीपक बैज द्वारा पूछे जाने वाले तारांकित प्रश्न सं. 213 के भाग (क) से (घ) के उत्तर से संबंधित विवरण।

(क) से (घ): जी हां। दल्लीराजहरा रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन परियोजना के जगदलपुर- रावघाट हिस्से का 28.09.2018 को भमि पूजन किया गया था। रेलवे ने दल्लीराजहरा- रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (235 किलोमीटर) परियोजना का दो चरणों में निर्माण शुरू कर दिया है। परियोजना का चरण । दल्लीराजहरा से रावघाट (0-95 कि.मी.) तक है और 5-20 परियोजना का चरण ।। रावघाट से जगदलपुर (95-235 कि.मी.) है। दल्लीराजहरा रावघाट (95 कि.मी.) के बीच की परियोजना के चरण का कार्य निष्पादन रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया जा रहा है, जिसका वित्तपोषण स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा किया जा रहा है और रावघाट-जगदलपुर (140 कि.मी.) के •बीच परियोजना के चरण-II का कार्य निष्पादन बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड (बीआरपीएल) नामक विशेष प्रयोजन योजना (एसपीवी) द्वारा किए जाने की योजना बनाई गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार, सेल, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एनएमडीसी) और इस्कॉन शामिल हैं। इस परियोजना की वर्तमान स्थिति निम्नानुसार है: 

 (i) चरण-1 दल्लीराजहरा-रावघाट (95 कि.मी.): इस खंड को आरवीएनएल द्वारा निष्पादित और सेल द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है। इस परियोजना की नवीनतम प्रत्याशित लागत 1622 करोड़ रु. है। इस खंड का कार्य 2010 में शुरू किया गया था। दल्लीराजहरा से अंतागढ़ (60 कि.मी.) का कार्य पूरा हो गया है। शेष खंड में कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका परियोजना क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्र है और इस कार्य को प्रतिदिन मोबिलाइजेशन और डिमोबिलाइजेशन सहित समर्पित सुरक्षा व्यवस्था के साथ पूरा किया जाना है, यदि इसके लिए तंत्र की आवश्यकता है। इससे परियोजना के निष्पादन की गति प्रभावित होती है। किसी भी रेल परियोजना को पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे राज्य सरकार द्वारा भूमि का शीघ्र अधिग्रहण, वन के प्राधिकारियों द्वारा वानिकी स्वीकृति, बाधक जनोपयोगी सेवाओं का अंतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से सांविधिक स्वीकृतियां, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थिति, परियोजना साइट के क्षेत्र की कानून एवं व्यवस्था संबंधी स्थिति, विशेष परियोजना साइटों पर वर्ष में कार्य करने के महीनों की संख्या आदि। ये सभी कारक परियोजना के समापन समय को प्रभावित करते हैं। उपर्युक्त बाधाओं के बावजूद, प्रयास किए जाते हैं। रेलवे द्वारा परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जाते हैं। 

(ii) चरण-II रावघाट-जगदलपुर (140 कि.मी.): इस चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रक्रियाधीन है और परियोजना के लिए आवश्यक 776 हेक्टेयर भूमि में से लगभग 249 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत कर ली गई है। 527 हेक्टेयर शेष भूमि अभी अधिगृहीत की जानी है जिसमें से 95 हेक्टेयर निजी भूमि है और 432 हेक्टेयर वन भूमि है। परियोजना के चरण ।1 को भूमि अधिग्रहण और परियोजना के वित्तीय समापन के बाद चार वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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