जगदलपुर : जल हमारे जीवन का एक अनमोल अंग है। लेकिन आज हम सब जानते हैं कि जल संसाधन की कमी एक बड़ी समस्या है। जल संरक्षण के महत्व को जागृत कर...
जगदलपुर : जल हमारे जीवन का एक अनमोल अंग है। लेकिन आज हम सब जानते हैं कि जल संसाधन की कमी एक बड़ी समस्या है। जल संरक्षण के महत्व को जागृत करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की ओर से बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एंड लिटरेचर बादल आसना में तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम जल संरक्षण के प्रति संचार करने और लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। प्रथम दिवस में गायन, फोटोग्राफी और रील बनाने की प्रतियोगिता हुई। जिसमे 9वर्ष से 30वर्ष तक के प्रतिभागी सम्मिलित हुए। सभी प्रतियोगिताएं जल संसाधन विषय पर आधारित रही इस कार्यक्रम में लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरुक करने का प्रयास किया गया।
गीतों में हल्बी,छत्तीसगढ़ी और हिंदी में भी प्रस्तुतियां दी गईं।इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवम् दर्शकों ने जल के प्रति जागरूकता लाने के इस अनोखे प्रयास की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार हिमांशु शेखर झा ने कहा कि पूर्व के समय में किसी ने भी नहीं सोचा होगा भविष्य कि बोतल बंद पानी जैसी आवश्यकता होगी पर आज यह स्थिति आ गई है एयर आने वाले समय में स्थिति और भी विकट हो सकती है। इसलिए हमे संकल्प लेना होगा कि पानी का उपयोग करने में सावधानी बरतेंगे और व्यर्थ नहीं जाने देंगे। जल पहल कार्यक्रम हेतु युवा वर्ग को जागरूक करने के प्रयास हेतु धरोहर सरंक्षण समिति की प्रशंसा की।
प्राचार्य रमेश उपाध्याय ने कहा कि जल संसाधन का संरक्षण युवा वर्ग की नैतिक जिम्मेदारी है । इस दिशा में जल पहल एक सराहनीय कदम है।
बादल से पूर्णिमा सरोज ने कहा कि बादल का उद्देश्य अपनी लोक संस्कृति का संरक्षण संवर्धन और प्रशिक्षण द्वारा शुद्ध रूप से अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है, इसी प्रकार जल भी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है जिसका संरक्षण एवं संवर्धन जल पहल के माध्यम से किए जा रहे प्रयास में शामिल है।
यह कार्यक्रम संवेदनशीलता और सामूहिक सहभागिता के बारे में एक अच्छा संदेश देता है।
अंत में सारंग बरबरवार ने धरोहर सरंक्षण समिति की ओर से समस्त अतिथियों , प्रतिभागियों एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
द्वितीय दिवस अपरान्ह 3बजे से नृत्य एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित होगी।
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