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आर.एम.ऐ. की पर्ची पर स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट नहीं देंगे दवा

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स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को ज्ञापन CMHO, BMO को भी सूचना



जगदलपुर : 14 अप्रेल 2023 को छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के फार्मासिस्ट प्रकोष्ठ की बैठक हुई, जिसमें राज्य के जिला प्रतिनिधि फार्मासिस्टों की उपस्थिति में निर्णय लिया गया था कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मचारी आर.एम.ऐ. जो ऐलोपेथी में प्रैक्टिस करने मान्य नहीं है लेकिन स्वास्थ्य केन्द्रों में धड़ल्ले से दवाएं लिख रहे हैं फार्मासिस्टों को वो दवाएं मरीजों को डिस्पेंस करना पड़ रहा है इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंह देव तथा सचिव स्वास्थ्य श्री आर प्रसन्ना को ज्ञापन दिया गया है. 



छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री अश्वनी गुर्देकर ने बताया कि शासन को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीण चिकित्सा सहायक द्वारा प्रेस्क्राईब की गयी दवाओं की डिस्पेंसिंग फार्मासिस्ट द्वारा किये जाने / नहीं किये जाने बावत फार्मासिस्ट के लिए दिशा निर्देश समय सीमा में जारी करने बावत निवेदन किया गया है. 



ज्ञापन में लेख किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ किये गए ग्रामीण चिकित्सा सहायक जो तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं के द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज हेतु आये मरीजों के प्रेस्क्रिप्शन में धड़ल्ले से दवायें प्रेस्क्राईब की जाती हैं, तथा विभिन्न चिकित्सकीय निर्देश भी लिखे जाते हैं जिन्हें स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टाफ तथा पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा पालन करते रहना प्रचलन में आ गया है l फार्मेसी एक्ट 1948 अनुसार रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा ही ऐलोपेथिक दवाओं को प्रेस्क्राईब किया जा सकता है तथा उसे ही फार्मासिस्ट द्वारा डिस्पेंस किया जाना विधिमान्य है, अन्य किसी के द्वारा दवाएं ऐलोपेथिक प्रेस्क्राईब करना तथा उस प्रिस्क्रिप्शन पर फार्मासिस्ट द्वारा दवाएं मरीज को डिस्पेंस करना, नर्सिंग स्टाफ व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा चिकित्सकीय ऐलोपेथिक निर्देश पालन करना विधिमान्य नहीं है l चूँकि ग्रामीण चिकित्सा सहायक की अर्हता PMHM है जो एलोपैथिक पद्धति से स्वतंत्र इलाज हेतु मान्य अर्हता नहीं है तथा वे मिड लेवल हेल्थ वर्कर हैं तथा तृतीय श्रेणी के हैं l फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की अर्हता एलोपैथिक में मान्य है l फार्मासिस्ट पद पर डिप्लोमा फार्मेसी, बी. फार्मेसी, एम फार्मेसी की डिग्रीधारी तथा नर्सिंग स्टाफ में बी एस-सी नर्सिंग, एम एस-सी नर्सिंग डिग्रीधारी, तथा पैरामेडिकल स्टाफ में पैरामेडिकल काउन्सिल में पंजीकृत व विभिन्न तकनिकी डिप्लोमा प्राप्त स्टाफ कार्यरत हैं, तथा ये समस्त भी मिड लेवल हेल्थ वर्कर हैं l किन्तु शासन द्वारा प्रारंभिक वेतन के रूप में ग्रामीण चिकित्सा सहायक को सबसे अधिक वेतन लेवल-9 दिया जा रहा है, तथा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को मात्र वेतन लेवल -7 दिया जा रहा तथा फार्मासिस्ट को अत्यंत ही भेदभाव पूर्ण रूप से मात्र वेतन लेवल-6 दिया जा रहा है जिस पर बैठक में भारी दुःख व्यक्त किया गया l शासन को फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टाफ तथा तकनिकी पैरामेडिकल स्टाफ को भी प्रारंभिक वेतन लेवल-9 दिया जाना चाहिए, अतः बैठक के निर्णय के क्रम में तथा उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय व निर्देश दिनांक 04.02.2020 के बिंदु क्रमांक 24 के परिप्रेक्ष्य में उचित एवं आवश्यक निर्णय लिए जाने का अनुरोध किया गया है l ग्रामीण चिकित्सा सहायक के प्रिस्क्रिप्शन पर ऐलोपेथिक दवाइयां डिस्पेंसिंग करना विधि मान्य नहीं है, केवल एमबीबीएस चिकित्सक या दंत चिकित्सक के प्रिसक्रिप्शन पर ही एलोपैथिक दवाइयां डिस्पेंस किया जाना विधि मान्य है l अतः अब भविष्य में ग्रामीण चिकित्सा सहायक द्वारा प्रिसक्राइब की गई किसी भी दवाओं की डिस्पेंसिंग फार्मासिस्ट के द्वारा नहीं किया जायेगा l इस सम्बन्ध में राज्य शासन अंतर्गत कार्यरत फार्मासिस्टों के लिए यदि कोई निर्देश अपेक्षित हैं तो इस पत्र प्राप्ति के 15 दिवस के अंदर दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएं. 



पत्र प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर निर्देश जारी नहीं होने की स्थिति में इसे शासन की मौन स्वीकृति मानते हुए ग्रामीण चिकित्सा सहायक के प्रिसक्रिप्शन पर ऐलोपेथिक दवा की डिस्पेंसिंग बंद कर दी जाएगी तथा मरीजों को होने वाली असुविधा की जिम्मेदारी फार्मासिस्ट की नहीं होगी l यह भी बताया गया है कि चूँकि दवा एक अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में आता है इसलिए समय पूर्व शासन को पत्र दिया जा रहा है l ज्ञापन की प्रति सभी CMHO और BMO को प्रेषित कर निवेदन किया गया है कि यदि आवश्यक प्रतीत हो तो समय पर उचित कार्यवाही / पत्राचार करें

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