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जिला प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली एवं ढीले रवैए के चलते सैकड़ों लोगों की पूंजी फंसी

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जगदलपुर : बस्तर जिले में जिला प्रशासन की सुस्त चाल एवं ढीले ढाले रवैया के चलते सैकड़ों लोगों की धनराशि फंसी पड़ी है, जिसपर जिला प्रशासन की ...

जगदलपुर : बस्तर जिले में जिला प्रशासन की सुस्त चाल एवं ढीले ढाले रवैया के चलते सैकड़ों लोगों की धनराशि फंसी पड़ी है, जिसपर जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नही की जा रही है। 2 वर्षो से अवैध प्लाटिंग के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल जिला प्रशासन कुंभकरणीय नींद में सोया हुआ है। तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने बस्तर जिले में अवैध प्लाटिंग की जांच हेतु दो जांच दल बनाकर जांच का जिम्मा निगम क्षेत्र के लिए आयुक्त नगर निगम एवं ग्रामीण स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) जगदलपुर को सौंपा था। जिसकी जांच को पूरा हुए लगभग 2वर्षो से अधिक हो गए है। जांच के पश्चात भी आज तक दोषी को अवैध प्लाटिंगकर्ताओं एवं राजस्व अधिकारियो/ कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की गई है, जिनकी मिली भगत एवं सांठ गांठ से नियम विरुद्ध प्लाटिंग को अंजाम दिया गया। जब हमारी टीम ने इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तब पता चला की तत्कालीन आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने जांच उपरांत वैधानिक कार्यवाही करने हेतु संबंधित थानों कोतवाली, परपा और बोधघाट को 14 व्यक्तियो के विरुद्ध तहरीर दी थी, लेकिन तीनो ही थाना प्रभारियों ने कोई कार्यवाही नही की, जबकि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) जगदलपुर के द्वारा अवैध प्लाटिंग कर्ताओं को मात्र नोटिस भेजकर अपनी खानापूर्ति कर ली एवं पूरे जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अवैध प्लाटिंग में प्लाट क्रय करने वाले सैकड़ों लोग जिसमे से ज्यादातर मध्यम वर्गीय परिवार हैं, उनके प्लाट क्रय विक्रय डायवसन एवं प्लाट के विकास पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। 



इस विषय पर जब हमारी टीम ने जांच अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) नंद कुमार चौबे से बात की तब उन्होंने इस मामले की जानकारी से अनभीज्ञता बताई तथा इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की बात कही, अब सवाल यह उठता है की जांच पूरी होने के बाद भी जिला प्रशासन दोषी व्यक्तियो के विरुद्ध कार्यवाही करने में कोताही क्यों बरत रहा है! और 2 वर्षो से प्रशासन जांच की फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल कर अपने सुस्त रवैए का परिचय दे रहा है। क्या सैकड़ों मध्यम वर्गीय परिवारों की पूंजी इन प्लाटिंग में फंसी हुई है उन पर प्रशासन का ध्यान नही जाता! प्रशासन के इस ढीले एवं सुस्त रवैये के चलते न तो अवैध प्लाटिंग कर्ताओं में डर है और ना ही राजस्व अधिकारियो / कर्मचारियों में जिला प्रशासन का कोई डर नही है। बता दें आज भी कई जगहों पर अवैध प्लाटिंग की तैयारी की जा रही है।

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