• दस दिनों के बाद भी पुलिस ने नही की कार्यवाही, • प्राथमिकी भी दर्ज ना करना, पुलिस की क्रियाकलाप और नियत पर संदेह कर रहा है उत्पन्न • परिजन...
• दस दिनों के बाद भी पुलिस ने नही की कार्यवाही,
• प्राथमिकी भी दर्ज ना करना, पुलिस की क्रियाकलाप और नियत पर संदेह कर रहा है उत्पन्न
• परिजनों ने लगाया पुलिस पर मामला दबाने का आरोप
जगदलपुर (वेदांत झा) : रायपुर जगदलपुर मार्ग में आज से लगभग दस दिन पूर्व कुदालगांव निवासी बलराम विश्वकर्मा को एक कार अचानक आकर टक्कर मार देने के कारण गंभीर चोटें आयो थी। जिसके उपचार के लिए जख्मी बलराम को जगदलपुर के महारानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बारे में शिकायत लेक bर बलराम विश्वकर्मा के बेटे जगदलपुर के कोतवाली थाने पहुंचे थे। जहां पता चला की एक विभागीय कार द्वारा उक्त वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने कोतवाली में कार चालक को बुलवाकर प्रार्थियों से बात करवाई, आरोपी ने अपनी गलती स्वीकार की और रिपोर्ट ना लिखवाने की शर्त पर जख्मी बलराम विश्वकर्मा का इलाज, मोटरसाइकिल बनवाने और मोबाइल ठीक करवाने का खर्च उठाने की जवाबदारी ली। जिससे आश्वस्त होकर बलराम विश्वकर्मा और परिजन महारानी अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। लेकिन कई दिन गुजरने के बाद भी कार चालक ने प्रार्थियों का फोन नही उठाया और कोई भी खर्च वहन नहीं किया। अंत में कल आरोपी ने फोन में कह दिया कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता जाकर मेरे खिलाफ एफआईआर करवा दो।
इससे आहत होकर आज बलराम विश्वकर्मा घायल अवस्था में विश्वकर्मा समाज प्रमुखों और परिवारजनों के साथ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह लेकर पहुंचे थे। जिसपर थाना प्रभारी अमित शुक्ला ने उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने का आश्वासन दिया।
मिली जानकारी के अनुसार 21 मई की सुबह लगभग 10.45 को बलराम विश्वकर्मा अपनी दुकान से घर की ओर जा रहे थे। उसी समय एक तेज रफ्तार कार जो रायपुर से जगदलपुर की ओर आ रही थी, उसने मोटरसाइकिल में सवार बलराम विश्वकर्मा को गलत साइड से आ रही कार (सीजी 03, 9610) ने टक्कर मार दी। इससे मोटरसाइकिल सवार बलराम विश्वकर्मा के दाहिने पैर का घुटना व ऐड़ी टूट गया और शरीर में अन्य गंभीर चोटें आई। इससे घर के एक मात्र कामकाजी व्यक्ति लगातार दस दिनों से अस्पताल में हैं। इनके परिवार का भविष्य भी अंधकारमय दिख रहा है। यहां सबसे बड़ा सवाल कोतवाली पुलिस की गैर जिम्मेदाराना रवैए पर उठता है। और मामले पर गंभीरता ना दिखाते हुए प्राथमिकी दर्ज ना करना कई संदेहों को जन्म देता है। बता दें गाड़ी का नंबर सीजी 03, 9610 है जो नंबर केवल पुलिस विभाग को ही जारी कि
या जाता है।
No comments