• निर्माण के नाम पर की गई केवल खाना पूर्ति • आधा कार्य मजदूरों ने किया वहीं आधा मशीनों से किए जाने की शिकायत • पंचायत के जिम्मेदारों से मिलन...
• निर्माण के नाम पर की गई केवल खाना पूर्ति
• आधा कार्य मजदूरों ने किया वहीं आधा मशीनों से किए जाने की शिकायत
• पंचायत के जिम्मेदारों से मिलना हुआ मुश्किल
• एक डबरी की शिकायत पर पहुंची टीम को मिले दो और ऐसे ही डबरी
• अधूरा कार्य कर छोड़ा गया काम, न मजदूरी दी और न कोई हिसाब
• मजदूरी के लिए भटकने मजबूर ग्रामीण
• लाखों के बंदरबांट का अंदेशा
जगदलपुर (वेदांत झा) : जनपद के ग्राम पंचायत बड़े बोदल से मिली शिकायत के आधार पर हमारे संवाददाता ने गांव में पहुंच कर ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीण गोविंद नाग ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में उसके नाम पर एक डबरी निर्माण का कार्य आया था, जो उसके खेत पर बनाया गया।
गोविंद ने और अन्य मजदूरों ने मिलकर उस कार्य में मनरेगा के तहत कार्य किया लेकिन आज तक उन्हें मजदूरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि निर्माण का आधा कार्य मजदूरों ने किया और बचा हुआ आधा कार्य जेसीबी मशीन से करवाया गया।
जब हमने उसके बारे में जानकारी लेनी चाही तो हमे पता चला की उस डबरी निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत के नाम पर पहले ही पैसे आ चुके हैं। लेकिन आज तक मजदूरों को भुगतान नही किया जाना समझ से परे है। वहीं हमे पता चला की ऐसे ही डबरी निर्माण के कार्य आस पास के अन्य ग्रामीणों के नाम पर भी आए थे, और उनके साथ भी ऐसा ही किया गया।
दूसरे ग्रामीण सुखमन ने बताया की उसके नाम पर भी ऐसा ही कार्य आया, लेकिन मजदूरी और काम की गुणवत्ता पर सरपंच के साथ बहस होने के बाद यह कार्य अधूरा ही रोक दिया गया।
हमारी टीम ने ऐसे ही तीन डबरी का मुआयना किया, और जानकारी निकाली तो पता चला की इन कार्यों में मनरेगा की मद से पैसे ग्राम पंचायत को आ चुके हैं। लेकिन मजदूरी न दिया जाना समझ से परे है।
मामले पर हमने सरपंच से भी मिलने की कोशिश की मगर वे हमसे नही मिले। अब देखना होगा कि क्या इन ग्रामीणों को न्याय मिलेगा या ग्रामीणों को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से बनाए गए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की धज्जियां उड़ाते हुए मशीनों से कार्य करके, ग्रामीणों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता रहेगा।
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