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विहिप बस्तर प्रखंड तत्वाधान में कावड़ियों की हुई कावड़ यात्रा, प्राचीन कालीन स्वंयभू शिवलिंग में किया अभिषेक : रोहन कुमार

जगदलपुर : राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित ग्राम बस्तर में ग्यारहवीं शताब्दी का एक प्रसिद्ध शिवालय है। यहां के शिवलिंग को स्वयंभू कहा जाता है...

जगदलपुर : राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित ग्राम बस्तर में ग्यारहवीं शताब्दी का एक प्रसिद्ध शिवालय है। यहां के शिवलिंग को स्वयंभू कहा जाता है। यह शिवालय केंद्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। सावन के पवित्र माह के शुरुआत मे विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल ने कावड़ यात्रा जगदलपुर से देवड़ा शिव मंदीर व रामायण कालीन मंदीर रामपाल शिव मंदीर तक विगत वर्ष समरूप इस वर्ष भी निकाली गयी। इसी तारतम्य में इस सावन सप्ताह में पहली बार बस्तर जिले में पवित्र मारकंडी नदी से प्राचीन शिव मंदीर तक तक कावड़ यात्रा निकाली गयी, जिसमें हजारों की संख्या में शिव भक्त सम्मिलित हुए।



विहिप जिला प्रचार प्रसार प्रमुख रोहन कुमार ने बताया की बस्तर ग्राम में निर्मित संभाग के दूसरे सबसे बड़े भानसागर जलाशय और इस शिवालय का निर्माण 10वीं शताब्दी के दौरान तत्कालीन बस्तर के छिंदक नागवंशी राजाओं ने करवाया था। 



लोक मान्यता है कि यहां पहुंचने वाले नि:संतानों की मनोकामना भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं। वही इच्छा पूरी होने पर भक्त यहां त्रिशूल व धातु निर्मित नाग अर्पित करते हैं। इस मंदिर में शिवरात्रि पर नहीं बल्कि हर साल माघ महीने में गंगादई के नाम से मेला लगता है। यह एक पत्थर का मंदिर, इसमें एक ढाला हुआ आधार, एक छोटा मंडप और शिवलिंग वाला एक गर्भगृह है। गर्भगृह के शीर्ष पर आमलक के साथ एक पिरामिडनुमा शिखर है व दीवारें अपेक्षाकृत सादी हैं। यह डिज़ाइन ज्यादातर द्रविड़ और कुछ नागर वास्तुकला का मिश्रण है। 



इस शिव मंदिर का महत्व 12वीं शताब्दी तक बस्तर क्षेत्र और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को बस्तर का प्राचीन शिव मंदिर या बस्तर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। मारकंडी नदी का नाम प्राचीन काल के ऋषि मारकंडे के नाम से पड़ा जो की ऋषि की तप स्थली थी जहाँ उन्होंने बस्तर चपका में पुराण का लेखन किया था।



स्थानीय शिव भक्त व पुजारी ने कहा यह स्वंय भू शिव के प्रकट होने के बाद विश्वकर्मा द्वारा मंदीर की रचना की गयी, जो एक रात में बना था। बदलते समय के साथ स्थानीय शासको छिंदक नागवंश व काकतीय वंश के शासको की गहरी आस्था शिव से जुड़ी व शासको ने जीर्णोद्धार करवाया।


विहिप जिला सह मंत्री सिकंदर कश्यप ने कहा कावड़ यात्रा सनातन जागरण के उद्देश्य से जहाँ हजारों कावड़ियों ने मारकंडी नदी से जल लेकर, प्राचीन शिव मंदीर बस्तर में जाकर भक्तों के द्वारा जलाभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया।


नगर अध्यक्ष विवेक शुक्ला ने सुरक्षा व व्यवस्था मे लगे पुलिस प्रशासन, बजरंगदल, समाज सेवियों व जगह जगह कावड़ियों के स्वागत करने वाले समाज प्रमुखों को आभार प्रकट किया।


इस यात्रा में विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल,मातृशक्ति सहित समाज सेवी व खंड प्रखंड के बजरंगी उपस्तिथ थे।

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