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जैन तीर्थ शत्रुंजय की यात्रा कर लौटे जगदलपुर के आराधकों का सम्मान किया गया

जगदलपुर : जैनियों के सबसे बड़े तीर्थ शत्रुंजय, पालीताना की 99 यात्रा कर लौटे 21 आराधकों का अभिनन्दन श्री ओसवाल जैन श्वेताम्बर समाज व जैन श्वे...

जगदलपुर : जैनियों के सबसे बड़े तीर्थ शत्रुंजय, पालीताना की 99 यात्रा कर लौटे 21 आराधकों का अभिनन्दन श्री ओसवाल जैन श्वेताम्बर समाज व जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट जगदलपुर द्वारा किया गया.


शत्रुंजय तीर्थ गुजरात


ज्ञात हो कि शत्रुंजय तीर्थ गुजरात के भावनगर में पहाड़ पर स्थित है. जैन परंपरा अनुसार एक यात्रा करने के लिए 3600 सीढियाँ चढ़नी उतरनी होती है तथा लगभग 2km पैदल जाना और आना होता है.



ऐसी 99 यात्रा जगदलपुर के 21 आराधकों ने की जिनके सम्मान में आज विभिन्न आयोजन किये गए. प्रातः 9 बजे श्री धर्मनाथ जिनालय से भगवान  की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें समाज के सभी सदस्य तथा नवानुं यात्रा के आराधक शामिल हुए. मुख्य मार्गों से होते हुए, भजन गाते  हुए श्रद्धालुगण के साथ शोभायात्रा वापस श्री धर्मनाथ जिनालय के प्रांगण में संपन्न हुई. प्रांगण के ज्ञान वल्लभ आराधना हॉल में आराधकों का सम्मान किया गया. कार्यक्रम में नवानुं यात्रा की पूरी जानकारी दी गई व आराधकों ने तीर्थ क्षेत्र की महिमा बताई और अनुभव सुनाये.



पूर्व विधायक रेखचंद जैन, समाज के अध्यक्ष मनोहर लुनिया, मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष किशोर पारख ने संबोधित करते हुए आराधकों के पुनीत कार्य की अनुमोदना की व् शुभकामनायें दी. कार्यक्रम का सञ्चालन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद डाकलिया ने किया सचिव अनिल बरडिया ने आभार माना.



आज इस अवसर पर जगदलपुर व अन्य कई नगरों के जैन श्रद्धालु शामिल हुए.




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