बेमेतरा : बेमेतरा के पिरदा-बोरसी में स्थित स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड में 25 मई को हुए भीषण विस्फोट के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज ...
बेमेतरा : बेमेतरा के पिरदा-बोरसी में स्थित स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड में 25 मई को हुए भीषण विस्फोट के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। कंपनी के पदाधिकारी अवधेश जैन और अन्य लोगों पर विस्फोटक सामग्री के रखरखाव में चूक और सुरक्षा मानकों में कमी को लेकर अपराध दर्ज किया गया है। एफआईआर कंडरका चौकी में उप निरीक्षक मयंक मिश्रा की शिकायत पर दर्ज की गई है।
विस्फोट की घटना और राहत कार्य
25 मई की सुबह 7:55 बजे हुए इस धमाके में 8 मजदूर चपेट में आ गए थे, जिसमें से एक की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई और बाकी 6 मजदूरों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। हादसे के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने मलबे में लापता मजदूरों की खोज के लिए ऑपरेशन चलाया। मलबे से सिर्फ मानव अंग और मांस के लोथड़े मिले, जिन्हें डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया है।
परिजनों का मुआवजे पर रुख
फैक्ट्री प्रबंधन ने मृत और लापता मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए का मुआवजा देने की पेशकश की। अधिकांश परिजनों ने मुआवजा स्वीकार कर लिया, लेकिन दो परिवारों ने इसे लेने से इनकार कर दिया है। वहीं, फैक्ट्री के बाहर ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी है, जो फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा ने न्यायायिक दंडाधिकारी जांच का आदेश दिया। 29 मई को कलेक्टर ने फैक्ट्री को आगामी आदेश तक बंद करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि कारखाने में उपलब्ध विस्फोटक पदार्थों की समुचित सुरक्षा का दायित्व कारखाना प्रबंधक का होगा।
आगे की दिशा
प्रशासन की ओर से जारी जांच और फैक्ट्री की बंदी के आदेश से क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती जा रही है। ग्रामीणों और परिजनों की मांगों के मद्देनजर इस मामले में और भी सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।
यह हादसा न केवल सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करता है बल्कि प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन की जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाता है। प्रशासनिक जांच के नतीजों का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
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