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राइस मिल में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में बड़ा खुलासा: एक ही कमरे में रहते थे पुरुष और महिला मजदूर

कांकेर : कांकेर के एक राइस मिल में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 10 मई को झारखंड के एक युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में ज...

कांकेर : कांकेर के एक राइस मिल में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 10 मई को झारखंड के एक युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया था। इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगे कि आखिर राइस मिल में नाबालिग युवती से काम कैसे लिया जा रहा था।

कांकेर राइस मिल दुष्कर्म : एक ही कमरे में सोते थे सभी मजदूर


प्रशासन की कार्रवाई:

मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिला प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग की संयुक्त जांच टीम गठित की। 26 मई को टीम ने राइस मिल का दौरा किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि मजदूरों के रहने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और उन्हें एक ही कमरे में रहना पड़ता था, चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं। प्रसाधन की भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

राइस मिल जहां हुई दुष्कर्म की वारदात


जांच टीम के निष्कर्ष:

महिला एवं बाल विकास विभाग के जांच अधिकारी राकेश कौशिक ने बताया कि राइस मिल में किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं थीं। मजदूरों के रहने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और वहां कोई रजिस्टर भी नहीं था जिसमें मजदूरों का रिकॉर्ड हो। श्रम विभाग के अधिकारी तोषण तिवारी ने कहा कि 14 से 18 साल के बच्चों से काम नहीं लिया जाना चाहिए और 14 साल से कम उम्र के बच्चों से बिल्कुल भी काम नहीं कराया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

झारखंड का युवक, जिसने दिया वारदात को अंजाम।


घटना की पृष्ठभूमि:

इस राइस मिल में नाबालिग आदिवासी लड़की को बहला-फुसलाकर काम पर रखा गया था और उसी दौरान आधी रात को एक कमरे में दुष्कर्म की घटना घटी। इस घटना ने जिले के अधिकांश राइस मिल, ईंट भट्टे, होटल, टेंट हाउस, गैरेज और अन्य संस्थानों में बाल मजदूरी की समस्या को उजागर कर दिया है। बड़े पैमाने पर नाबालिगों से काम कराया जा रहा है, जबकि संस्थानों में बाल मजदूरी निषेध के बोर्ड लगे हुए हैं। जिम्मेदार विभाग इस पर उचित कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।



समाज और कानून की प्रतिक्रिया:


इस घटना ने समाज और कानूनी व्यवस्था में बाल श्रम और नाबालिगों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी और बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में काम दिलाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

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