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कम्पाला की झुग्गियों से टी20 वर्ल्ड कप तक: युगांडा के जुमा मियागी की प्रेरणादायक कहानी

• परिश्रम और जुनून से इतिहास रचते हुए, युगांडा के तेज गेंदबाज जुमा मियागी का सफर Sports (The Gazette) : युगांडा की राजधानी कम्पाला के झुग्ग...

परिश्रम और जुनून से इतिहास रचते हुए, युगांडा के तेज गेंदबाज जुमा मियागी का सफर

Sports (The Gazette) : युगांडा की राजधानी कम्पाला के झुग्गियों में पले-बढ़े जुमा मियागी के लिए टी20 वर्ल्ड कप में खेलने का सपना किसी करिश्मे से कम नहीं है। मियागी ने अपनी जिंदगी की शुरुआत कम्पाला के नागुरू झुग्गी बस्ती में की, जहां पीने का साफ पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था। इन कठिनाइयों के बावजूद, मियागी ने अपने हौसले और कड़ी मेहनत के दम पर क्रिकेट में अपने सपने को साकार किया है।




21 वर्षीय जुमा मियागी अब युगांडा की टीम के तेज गेंदबाज के रूप में वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने जा रहे हैं। यह युगांडा की टीम का भी पहला वर्ल्ड कप होगा। मियागी का यह सफर प्रेरणादायक है, जो दिखाता है कि अगर किसी व्यक्ति में हौसला और जुनून हो तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।


मियागी की क्रिकेट यात्रा नागुरू की तंग गलियों से शुरू हुई। झुग्गियों में पलने के बावजूद, मियागी ने युगांडा की अंडर 19 टीम के लिए खेला और दो साल तक बेहतरीन प्रदर्शन किया। अब, वह युगांडा की सीनियर टीम में शामिल होकर वर्ल्ड कप में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी ने उनके इलाके के लोगों को प्रेरित किया है, जहां पहले लोग केवल फुटबॉल में दिलचस्पी लेते थे, अब क्रिकेट में भी रुचि दिखाने लगे हैं।


युगांडा टीम के कोच अभय शर्मा, जो भारत से हैं, ने मियागी और अन्य खिलाड़ियों के संघर्ष को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कम्पाला की झुग्गियों की हालत मुंबई की धारावी से भी बदतर है। इन कठिन परिस्थितियों में रहते हुए भी मियागी का उत्कृष्ट प्रदर्शन सराहनीय है। 


मियागी ने टी20 इंटरनेशनल में अब तक 21 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 34 विकेट लिए हैं और 6 से भी कम की इकॉनमी रेट से रन दिए हैं। युगांडा की टीम 3 जून से अफगानिस्तान के खिलाफ अपने टी20 वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत करेगी। युगांडा को ग्रुप सी में रखा गया है, जिसमें उन्हें अफगानिस्तान, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और पापुआ न्यू गिनी से मुकाबला करना होगा।


जुमा मियागी की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि किस तरह संघर्ष और दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनकी सफलता युगांडा के लिए गर्व की बात है और उनके इलाके के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है।

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