• जियो के आगमन के बाद संकट में घिरी एयरटेल को मिला नया जीवनदान बिजनेस: एशिया के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के जियो के लॉन्च ने टेलिकॉम इं...
• जियो के आगमन के बाद संकट में घिरी एयरटेल को मिला नया जीवनदान
बिजनेस: एशिया के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के जियो के लॉन्च ने टेलिकॉम इंडस्ट्री में भूचाल ला दिया था, जिससे कई टेलिकॉम कंपनियां बाजार से बाहर हो गईं। इस संकट की चपेट में आई एयरटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सलाह ने उबारा और फाउंडर सुनील भारती मित्तल की किस्मत बदल दी। सुनील मित्तल ने एक मीडिया इंटरव्यू में खुद इस बात का खुलासा किया।
सुनील मित्तल ने बताया कि सितंबर 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई एक मीटिंग भारती एयरटेल के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई। उस समय जियो मुफ्त वॉयस और डेटा सेवाएं दे रही थी, और टेलिकॉम रेगुलेटर के कई फैसलों ने एयरटेल जैसी पुरानी कंपनियों को मुश्किल में डाल दिया था। मित्तल ने कहा, "मैंने पीएम से मिलने के लिए समय मांगा और भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री की स्थिति पर चर्चा की। मैंने उन्हें बताया कि स्थिति बहुत खराब है और लगातार बदतर होती जा रही है।"
मोदी के साथ अपनी बैठक को याद करते हुए मित्तल ने कहा, "मैं बाजार में लड़ सकता हूं, लेकिन मैं सरकार से नहीं लड़ सकता।" इस पर पीएम मोदी ने कहा, "यह सरकार किसी भी एक पक्ष की तरफ नहीं झुकेगी। देश के लिए जो भी अच्छा होगा, वह किया जाएगा। आप बाजार में लड़ते रहें। सरकार की तरफ से, आप निश्चिंत रहें कि सरकार किसी का पक्ष नहीं लेगी।" मित्तल ने बताया कि यह आश्वासन उनके लिए काफी था और उन्होंने पीएम का धन्यवाद किया।
इस महत्वपूर्ण मोड़ के बाद, एयरटेल ने 27 मई को 100 अरब डॉलर का मार्केट कैप हासिल कर लिया। 2019 में एयरटेल का मार्केट कैप लगभग 19 बिलियन डॉलर था, जो बिजनस में इन्वेस्ट की गई राशि से भी कम था। लेकिन कंपनी ने पिछले पांच वर्षों में अपने मार्केट कैप में 80 बिलियन डॉलर से अधिक का इजाफा किया है।
सुनील मित्तल ने कहा, "यह कहना गलत है कि यह सरकार केवल कुछ लोगों का पक्ष ले रही है। मुझे लगता है कि 100 अरब डॉलर का यह मार्केट कैप केवल मेरी कंपनी का नहीं बल्कि आज भारत की स्थिति का प्रमाण है। इस देश में पैसा आ रहा है, बहुत अधिक पूंजी आ रही है, निवेश हो रहे हैं, शेयर बाजार बढ़ रहा है। इतने बड़े वैल्यूएशन एक बहुत ही ठोस नेतृत्व के तहत एक स्थिर, मजबूत और फंक्शनल इकोनॉमी का परिणाम हैं।"
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