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एक ऐसी सड़क जहां रोजगार सहायक ने केवल कलेक्टर को दिखाने के लिए निर्माण करवाने का स्वांग रचा

* जगदलपुर जनपद के ग्राम पंचायत बिरनपाल का मामला। * स्वांग रचकर कलेक्टर के दौरे से एक घंटे पहले दिखावे के लिए लगाए मजदूर * सड़क की मांग लंबे ...

* जगदलपुर जनपद के ग्राम पंचायत बिरनपाल का मामला।

* स्वांग रचकर कलेक्टर के दौरे से एक घंटे पहले दिखावे के लिए लगाए मजदूर

* सड़क की मांग लंबे अरसे से, बारिश में लोगों का चलना भी मुश्किल

* लोगों की मूलभूत मांग पर प्रशासनिक चुप्पी समझ से परे।

* नागलसर सड़क से जुड़ा हुआ बुचापारा का मामला, 

* नागलसर से बिरनपाल मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क 





जगदलपुर (वेदांत झा) : ग्राम पंचायत बिरनपाल के तोंगापारा में हमारे संवाददाता ने सूचना के आधार पर दौरा किया। स्थानीय ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर जब हमारे संवाददाता ने यहां कथित रूप से कागजों में निर्मित डामरीकृत सड़क का मुआयना किया तो हकीकत चौंका देने वाला था। दरअसल ग्रामीणों ने बताया था कि अब से कुछ वर्ष पहले इस स्थान में अचानक तत्कालीन कलेक्टर का दौरा होने की खबर स्थानीय रोजगार सहायक को लगी। रोजगार सहायक द्वारा ग्राम पंचायत में इस स्थान पर सड़क निर्माण का कार्य किया जाना बताया गया था, जिसके लिए रोजगार सहायक ने तत्काल आनन फानन में कुछ मजदूरों को 300 रुपए देने का वादा करके बस सड़क बनाने के कार्य करने का नाटक करने के लिए कहा। 

सड़क जो कभी बनी ही नही


एक मजदूर को यह सब खेल समझ नही आता, लेकिन उन्होंने ऐसा ही किया। जब कलेक्टर आए तो उन्होंने देखा कि रोजगार सहायक द्वारा सड़क का कार्य शुरू कराया गया है। वे खुश हुए और चल दिए। कलेक्टर साहब के जाते ही रोजगार सहायक ने सभी मजदूरों को भुगतान करके काम बंद करा दिया गया, जो आज तक बंद ही पड़ा है। अब हम विभागीय अधिकारियों से जानना चाहते हैं कि क्या सरकारी दस्तावेजों में यह सड़क निर्माण हो गया है? या कई वर्षों से कार्य प्रगति पर है! 

शाला में बच्चे हुए कम:

प्राथमिक शाला में पसरा रहता है सन्नाटा


इसी सड़क से लगे तोंगापारा शासकीय माध्यमिक शाला में बेहद खराब पगडंडीनुमा सड़क की वजह से बच्चे ही नही हैं। लेकिन इस शाला में दो शिक्षक बकायदा ड्यूटी देने आते हैं। स्थानीय ग्रामीण युवकों ने बताया कि बारिश होते ही शाला में आने वाला रास्ता ही खत्म हो जाता है। यहां पहुंचना कठिन है इसलिए यह शाला खाली है। अगर सड़क बन जाए तो आस पास के जितने बच्चे हैं इसी शाला में आयेंगे। 

सालों से अर्धनिर्मित आंगनवाड़ी भवन


वहीं इस शाला भवन से लगकर एक और निर्माणाधीन भवन दिखाई दी। ग्रामीणों ने बताया कि यह भवन करीब चार साल पहले बनना शुरू हुआ था, जो अधूरा ही छोड़ दिया गया था। इसे आंगनवाड़ी के लिए बनाया जा रहा था। हमने देखा कि इस अर्धनिर्मित भवन में लोहे की खिड़कियां, लोहे के दरवाजे भी लगे हुए थे। लोगों ने जानकारी दी कि काम बहुत समय से बंद पड़ा है, जिसकी वजह से यहां निर्माण सामग्रियों की चोरी हो गई हैं और ऐसा ही रहा तो दिख रहा लोहे का सरिया और खिड़की दरवाजे भी इस सुनसान जगह से गायब हो सकते हैं। 

यह ब्योरा इस एक स्थान का था, आगे के अध्याय में इसी कच्चे रास्ते से होते हुए हमारे संवाददाता की मुलाकात कुछ रहवासियों से हुई। उन्होंने स्वास्थ्य, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित होने की अपनी व्यथा बताई। जो जल्द ही हम आपके समक्ष लाएंगे। इस विषय पर संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी हम बात करेंगे। आखिर ऐसे नाटकबाज भ्रष्टाचारी पर क्या कार्यवाही होनी चाहिए आप नीचे कमेंट करके बताएं। आपको यह खबर कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। 

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