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देखें ट्रेलर : फिल्म करतम भुगतम आपने अभी तक नही देखी, तो पहले इसे पढ़ लें..

मनोरंजन मूवी रिव्यू :  भारतीय संस्कृति में "जैसी करनी वैसी भरनी" और "जो बोओगे वही काटोगे" जैसी कहावतें बहुत प्रचलित हैं।...

मनोरंजन मूवी रिव्यू : भारतीय संस्कृति में "जैसी करनी वैसी भरनी" और "जो बोओगे वही काटोगे" जैसी कहावतें बहुत प्रचलित हैं। इन्हीं कहावतों को आधार बनाकर लेखक-निर्देशक सोहम पी शाह ने अपनी नई फिल्म 'कर्तम भुगतम' बनाई है। इस फिल्म का मुख्य संदेश है कि आपके कर्मों का परिणाम आपको भुगतना ही पड़ेगा। फिल्म की कहानी ज्योतिष के धंधे से शुरू होकर धीरे-धीरे धोखाधड़ी और बदले की पृष्ठभूमि में भटक जाती है। इसके बावजूद, फिल्म यह महत्वपूर्ण संदेश देती है कि ढोंगी ज्योतिषियों से दूर रहें और अंधविश्वास में न फंसें।



'कर्तम भुगतम' की कहानी


कर्म-फल और भाग्य जैसे विषयों से प्रभावित सोहम पी शाह इससे पहले 'काल' और 'लक' जैसी फिल्में बना चुके हैं। 15 साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी के लिए उन्होंने फिर से ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष और कर्म जैसे विषय को ही चुना है। फिल्म की कहानी न्यूजीलैंड से अपने घर मध्य प्रदेश लौटे देव जोशी (श्रेयस तलपड़े) के इर्द-गिर्द घूमती है। पिता के निधन के बाद, देव को पुश्तैनी संपत्ति बेचकर दस दिन के भीतर वापस लौटना है, लेकिन ज्योतिषी अन्ना (विजय राज) की भविष्यवाणी उसे परेशान कर देती है कि वह वापस नहीं जा सकेगा। देव के मन में यह बात बार-बार आती रहती है और जब उसकी सारी योजनाएं असफल हो जाती हैं, तो वह उम्मीद के साथ अन्ना की शरण में जाता है। देव के अन्ना के निर्देशों का पालन करने से उसकी जिंदगी में क्या बदलाव आते हैं, यह जानने के लिए फिल्म देखनी होगी।


'कर्तम भुगतम' मूवी रिव्यू


फिल्म का प्लॉट आकर्षक है, लेकिन सोहम पी शाह इसे एक प्रभावी स्क्रीनप्ले में बदलने में असफल रहे हैं। विजय राज के किरदार की रहस्यमयी शुरुआत से दर्शकों की उम्मीदें बढ़ती हैं, लेकिन उसके बाद दोहराव भरी कहानी उबाऊ हो जाती है। फिल्म में अन्ना बार-बार देव से धैर्य रखने को कहता है, लेकिन असली धैर्य की परीक्षा दर्शकों की होती है।


ट्रांसफॉर्मेशन बढ़िया है, और अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है। हालांकि, म्यूजिक, एडिटिंग और प्रोडक्शन डिजाइन जैसे तकनीकी पहलू औसत रह जाते हैं।


क्यों देखें: 

अगर आप ढोंगी ज्योतिषियों में रुचि रखते हैं और उनके चंगुल से बचने का संदेश देने वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो 'कर्तम भुगतम' एक बार देखी जा सकती है।

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