रायपुर (वेदांत@The Gazette) : बलौदाबाजार में हुई हिंसात्मक घटनाओं के बाद सियासी गलियारों में तेजी से उबाल आया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के न...
रायपुर (वेदांत@The Gazette): बलौदाबाजार में हुई हिंसात्मक घटनाओं के बाद सियासी गलियारों में तेजी से उबाल आया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मामले पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिससे तनाव और बढ़ गया है। जहां एक ओर सतनामी समाज के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की घटनाओं की निंदा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर शासन और प्रशासन पर लापरवाही और अकर्मण्यता के आरोप लगाए जा रहे हैं।
इस बीच, बलौदाबाजार में हुई हिंसा के बाद बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें जिले के कलेक्टर और SP को हटाया गया है। पुलिस ने इस मामले में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और सात FIR दर्ज की हैं।
इस घटनाक्रम के बाद, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। समाज के लोगों में गुस्सा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और वे इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने आग में घी का काम किया है, और आम जनता के बीच चिंता और असंतोष की भावना को बढ़ावा दिया है। इस पूरे मामले में जनता की नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
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