नई दिल्ली: केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 की तैयारियां तेज कर दी हैं। उन्होंने शनिव...
नई दिल्ली: केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 की तैयारियां तेज कर दी हैं। उन्होंने शनिवार को सभी राज्यों और विधानमंडल वाले केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक की, जिसमें विभिन्न राज्यों से बजट पर सुझाव मांगे गए। इस बैठक का उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिति और उनकी प्राथमिकताओं को समझना था, ताकि आगामी बजट में उनकी जरूरतों को समाहित किया जा सके।
• जुलाई के तीसरे सप्ताह में पेश होगा बजट
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय बजट जुलाई के तीसरे सप्ताह में पेश किया जा सकता है। इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी होगी, जो बजट की दिशा और नीतियों का आधार बनेगा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था, जिससे जनता की उम्मीदें इस बार के बजट से और भी बढ़ गई हैं।
• केंद्रीय कर्मचारी संगठनों की नौ मांगें
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष अपनी नौ प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, आठवें वेतन आयोग का गठन, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार, स्टाफ बेनिफिट फंड की स्थापना, पेंशन का पुनर्संयोजन, आयकर स्लैब में बदलाव, होम लोन रिकवरी, और रेलवे की क्षमता में वृद्धि शामिल हैं। इन मांगों का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार करना है।
• बजट से उम्मीदें
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का बजट आर्थिक विकास को गति देने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और आधारभूत संरचनाओं में निवेश बढ़ाने पर केंद्रित होगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त सुझावों के आधार पर बजट में विशेष क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्माण किया जाएगा।
केंद्रीय बजट 2024-25 से देश की जनता और विभिन्न संगठनों को काफी उम्मीदें हैं। आगामी दिनों में बजट की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और उसकी दिशा स्पष्ट होगी।
No comments