• आचार संहिता के उल्लंघन पर जावेद खान के तीखे सवाल • शासकीय भवन का दुरुपयोग और छात्राओं की मजबूरी • कांग्रेस की मांग: तत्काल जांच और कड़ी का...
• आचार संहिता के उल्लंघन पर जावेद खान के तीखे सवाल
• शासकीय भवन का दुरुपयोग और छात्राओं की मजबूरी
• कांग्रेस की मांग: तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई
जगदलपुर : भीषण गर्मी में सभी स्कूल छात्रावासों की छुट्टी के बावजूद, लोहंडीगुड़ा बालिका छात्रावास में भाजपा, आरएसएस और अभाविप का प्रशिक्षण शिविर संचालित हो रहा है। इस पर सवाल उठाते हुए भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने कहा कि यह किसकी अनुमति से हो रहा है और आचार संहिता का उल्लंघन क्यों हो रहा है। |
जावेद खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि राज्य एवं जिले में समर कैंप को निरस्त कर दिया गया है और स्कूली छात्र-छात्राओं को घर पर रहने की हिदायत दी गई है। इसके बावजूद लोहंडीगुड़ा ब्लॉक स्थित बालिका छात्रावास में चार दिन की भाजपा, आरएसएस और अभाविप की कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में छात्रावास अधीक्षक से लेकर चपरासी तक शामिल हैं और छात्राओं से खाना परोसवाने का कार्य लिया जा रहा है।
जावेद खान ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए पूछा कि क्या चुनाव आचार संहिता के दौरान इस तरह के आयोजनों के लिए शासकीय भवनों का उपयोग और स्कूली छात्र-छात्राओं की भागीदारी की अनुमति दी गई है या उन पर दबाव बनाया गया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इस कार्य के लिए छात्रावास अधीक्षक और चपरासियों को कोई लिखित आदेश दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की नाक के नीचे शासकीय भवन में, वह भी बालिका छात्रावास में, इस प्रकार के आयोजन कैसे हो रहे हैं। जावेद ने कहा कि एक तरफ जिला प्रशासन आम जनता के लिए आचार संहिता और नियम कानूनों के कठोर पालन की बात करता है, वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के लिए नियम कानूनों को ताक पर रखकर ऐसे गैर-संवैधानिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस गैर-संवैधानिक और अनैतिक कार्य का पुरजोर विरोध करते हुए बस्तर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि तत्काल इस कार्यक्रम को बंद करवाया जाए। दोषी पाए जाने वाले जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त व्यवस्था की जाए। अन्यथा, छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन का सामना करने के लिए जिला प्रशासन तैयार रहे।
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