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ईवीएम विवाद: निर्वाचन आयोग ने मोबाइल और ओटीपी के उपयोग से अनलॉक की संभावना को किया खारिज

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• मुंबई जिला चुनाव अधिकारी का बयान आया सामने भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का सिलसिला जा...

मुंबई जिला चुनाव अधिकारी का बयान आया सामने


भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का सिलसिला जारी है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। अब इस विवाद में अमेरिका के अरबपति उद्योगपति एलन मस्क के एक बयान के बाद, चर्चा और भी गर्म हो गई है।



निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण

इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुंबई उपनगरीय जिला चुनाव अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ईवीएम का लॉक खोलने के लिए मोबाइल और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, "ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर कोई ओटीपी नहीं आता। इसे प्रोग्राम नहीं किया जा सकता और ईवीएम में कोई वायरलेस संचार क्षमता भी नहीं होती।"


नेताओं के आरोप और आयोग की सफाई

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कई बार ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसके परिणामस्वरूप चुनावों में धांधली हो सकती है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने बार-बार कहा है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनका उपयोग करना चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाता है।


एलन मस्क का बयान और उसका असर

एलन मस्क के बयान ने इस विवाद को और हवा दी। उन्होंने कहा था कि तकनीकी युग में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता। इस बयान के बाद कई नेताओं ने फिर से ईवीएम पर सवाल उठाए। लेकिन निर्वाचन आयोग ने मस्क के बयान को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय ईवीएम किसी भी बाहरी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होती और इनका किसी भी तरीके से हैक किया जाना असंभव है।


निष्कर्ष


निर्वाचन आयोग के ताजा बयान ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का कोई आधार नहीं है। आयोग ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि ईवीएम का संचालन और प्रबंधन पूरी तरह से सुरक्षित और पारदर्शी है। चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। 


इस प्रकार, निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि ईवीएम से संबंधित सभी आरोप निराधार हैं और चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

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