नारायणपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के महाराष्ट्र सीमा से लगे सुदूर ग्राम मेटानार में 50 वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार...
नारायणपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के महाराष्ट्र सीमा से लगे सुदूर ग्राम मेटानार में 50 वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार बिजली पहुंच गई है। जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में कुल 20 घर हैं, जहां अब बिजली की चमक से रोशनी फैली है।
मेटानार, जो ओरछा ब्लॉक के अंतर्गत आता है, लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा था। एक पुलिस कर्मी के अनुसार, इस गांव में बिजली पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन स्थानीय प्रशासन और विद्युत विभाग की कड़ी मेहनत और समर्पण ने इसे संभव बना दिया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे नारायणपुर विधायक केदार कश्यप का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री भी हैं। वे लगातार क्षेत्र में इस तरह के कार्यों और विकास की धारा से दूरस्थ ग्रामों को जोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के आने के बाद से शासन द्वारा लगातार ऐसे कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी टीम ने इस दिशा में विशेष ध्यान दिया है, जिससे नक्सल प्रभावित और दूरस्थ गांवों में भी विकास की रफ्तार तेज हुई है।
ग्राम मेटानार के निवासियों ने इस ऐतिहासिक क्षण का स्वागत हर्षोल्लास के साथ किया। बुजुर्ग गांववासियों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार गांव में बिजली की रोशनी देखी है। इससे पहले, गांव के लोग रात में दीयों और लालटेन के सहारे ही अपना जीवन यापन करते थे।
इस विकास से न केवल ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक गतिविधियों में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। प्रशासन का कहना है कि इस सफलता से प्रेरित होकर अन्य दूरस्थ और नक्सल प्रभावित गांवों में भी बिजली पहुंचाने के प्रयास तेज किए जाएंगे।
बिजली की इस उपलब्धि ने ग्राम मेटानार को एक नई ऊर्जा और उम्मीद से भर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे अपने गांव के विकास और उन्नति के लिए नई योजनाएं बना सकते हैं और अपने बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर अवसरों का निर्माण कर सकते हैं।
No comments