जगदलपुर: सहकारी बैंक जगदलपुर की वार्षिक आमसभा हाल ही में संपन्न हुई, जिसमें कर्मचारियों की वेतनवृद्धि, सेवा नियम संशोधन, और झूठ के खिलाफ सं...
जगदलपुर: सहकारी बैंक जगदलपुर की वार्षिक आमसभा हाल ही में संपन्न हुई, जिसमें कर्मचारियों की वेतनवृद्धि, सेवा नियम संशोधन, और झूठ के खिलाफ संघर्ष पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैंक ने बस्तर संभाग के दुर्गम इलाकों में अपनी शाखाएँ खोलकर, घाटे के बावजूद, ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान की हैं। साथ ही, बैंक ने केंद्र और राज्य शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाएँ जैसे धान खरीदी, शून्य प्रतिशत पर फसल ऋण, फसल बीमा, खाद-बीज वितरण, राशन वितरण और उज्जवला योजना भी संचालित की हैं।
फिर भी, सहकारी बैंक के कर्मचारियों को आरबीआई और राज्य शासन के सहकारिता विभाग से नियंत्रित होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार वर्षों से वेतनवृद्धि नहीं होने और नई सेवा नियमावली के कारण कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है।
आमसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें सचिव प्रतिवेदन, आय-व्यय पत्रक 2023 की प्रस्तुति, संघ चंदा राशि में वृद्धि, और संघ का कार्यकाल 3 वर्ष करने जैसे विषय शामिल थे। इसके अलावा, नवीन सेवा नियम के खिलाफ संघर्ष हेतु यूनियन द्वारा हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया।
मुख्य अतिथि श्री चन्द्र प्रकाश व्यास ने राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी बैंकों की मांगों को उठाया और कर्मचारियों को सेवा नियम में संशोधन के लिए एकजुट होकर लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। रायपुर यूनियन के उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र पाण्डे ने सेवा नियम के खिलाफ रायपुर बैंक के कर्मचारियों द्वारा दर्ज कोर्ट केस की जानकारी दी और बताया कि अन्य किसी भी परिस्थिति में वेतन वृद्धि नहीं रोकी जा सकती है।
जगदलपुर बैंक यूनियन अध्यक्ष श्री सुमित सागर गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत कर्मचारी ही कार्यरत हैं जो अथक परिश्रम कर वेतनवृद्धि और महंगाई भत्ता पाने हेतु प्रयासरत हैं। अंत में, सहकारिता मंत्री से मिलकर कर्मचारियों की वेतनवृद्धि, महंगाई भत्ते और नई सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन कराने हेतु एकजुट प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
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