• हैदराबाद का ऐतिहासिक बदलाव हैदराबाद : मस्जिदों और किलों से भरा एक महानगर है, आज से केवल तेलंगाना की राजधानी बन गया है। आंध्र प्रदेश पुनर्ग...
• हैदराबाद का ऐतिहासिक बदलाव
हैदराबाद : मस्जिदों और किलों से भरा एक महानगर है, आज से केवल तेलंगाना की राजधानी बन गया है। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की धारा 5 (1) के अनुसार, अब हैदराबाद आंध्र प्रदेश की राजधानी नहीं रहेगा। यह बदलाव 10 साल बाद आज से लागू हो गया है।
• पुनर्गठन अधिनियम और संयुक्त राजधानी का अंत
2014 में आंध्र प्रदेश को दो हिस्सों में विभाजित किया गया था, जिसके बाद हैदराबाद को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी घोषित किया गया था। लेकिन अधिनियम में यह साफ था कि यह व्यवस्था 10 साल से अधिक नहीं चलेगी।
• अधिनियम की शर्तें
अधिनियम में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि 2 जून 2014 से शुरू होकर, 10 साल की अवधि के बाद हैदराबाद केवल तेलंगाना की राजधानी रह जाएगी और आंध्र प्रदेश को अपनी नई राजधानी बनानी होगी।
• तेलंगाना का गठन और लंबी मांग की पूर्ति
तेलंगाना राज्य का गठन 2 जून 2014 को हुआ था, जो एक लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति थी। संसद ने फरवरी 2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसके बाद तेलंगाना ने आधिकारिक राज्य का दर्जा प्राप्त किया।
• संपत्ति विवाद और भविष्य की दिशा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में अधिकारियों को हैदराबाद में 'लेक व्यू सरकारी' गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को पुनः प्राप्त करने का निर्देश दिया था, जो 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को आवंटित की गई थीं। हालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी रोके जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
• अनसुलझे मामले
अलगाव के एक दशक बाद भी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच संपत्ति के बंटवारे सहित कई अनसुलझे मामले बने हुए हैं। यह नया परिवर्तन दोनों राज्यों के लिए नई दिशा और संभावनाएं लाएगा।
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