महासमुंद : बागबाहरा ब्लॉक के हरनादादर गाँव में एक दुखद घटना सामने आई है। बलिराम ठाकुर, एक 60 वर्षीय किसान, जिन्होंने अपनी जीवनलीला कीटनाशक ...
महासमुंद : बागबाहरा ब्लॉक के हरनादादर गाँव में एक दुखद घटना सामने आई है। बलिराम ठाकुर, एक 60 वर्षीय किसान, जिन्होंने अपनी जीवनलीला कीटनाशक पीकर समाप्त कर ली, उनकी मौत ने समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है। बलिराम के परिजनों का कहना है कि उन्होंने यह चरम कदम एक सूदखोर के दबाव में उठाया, जिससे उन्होंने 30 हजार रुपए का कर्ज लिया था।
बलिराम के पास ढाई एकड़ कृषि भूमि थी, जिस पर वे खेती करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनका एक पुत्र और एक पुत्री हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। उसकी मौत के बाद, परिजनों ने बताया कि ब्याज सहित कर्ज की राशि 50 हजार रुपए हो गई थी, और इसे चुकाने के लिए सूदखोर बलीराम पर दबाव डाल रहे थे।
रविवार को जहर सेवन के बाद, बलिराम को शासकीय अस्पताल बागबाहरा ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें महासमुंद मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया। वहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस घटना ने कृषि समुदाय में ऋण और वित्तीय दबाव के मुद्दों को उजागर किया है। यह न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह उन अनेक किसानों की व्यथा को भी दर्शाता है जो वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।
इस घटना के मद्देनजर, समाज और सरकार को किसानों के लिए बेहतर सहायता और समर्थन प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर बल देना चाहिए। ऋणग्रस्तता और वित्तीय दबाव से निपटने के लिए अधिक संवेदनशील और समर्थनात्मक उपायों की जरूरत है, ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
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