बीजापुर / नारायणपुर : बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी द्वारा वन मंत्री केदार कश्यप पर लगाए गए आरोपों का भाजपा नेता जी. वेंकट ने कड़ा प्रतिवाद ...
बीजापुर / नारायणपुर : बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी द्वारा वन मंत्री केदार कश्यप पर लगाए गए आरोपों का भाजपा नेता जी. वेंकट ने कड़ा प्रतिवाद किया है। वेंकट ने कहा कि भाजपा को किसी कांग्रेस विधायक से चुनाव परिणामों को लेकर प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। बस्तर लोकसभा चुनाव में मंत्री केदार कश्यप और सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर 50 हजार से अधिक मतों से विजय प्राप्त की है।
वेंकट ने मंडावी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे खुद अपने गिरेबां में झांके। बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप ने 50 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, वन मंत्री केदार कश्यप और भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने जमीन पर मेहनत की है। वेंकट ने सवाल किया कि चित्रकोट विधानसभा से कांग्रेस की हार पर विधायक मंडावी चुप क्यों हैं, जबकि यह प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का गृह विधानसभा है। उन्होंने कहा कि चित्रकोट से भाजपा को 7502 मतों की लीड मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि दंतेवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस 12884 मतों से पीछे थी, तो क्या इसके लिए श्रीमती देवती कर्मा को दोषी ठहराया जाएगा? इसी तरह कोन्टा विधानसभा सीट से कांग्रेस के 6 बार के विधायक कवासी लखमा 4000 मतों से पीछे रहे। क्या इसमें भी कवासी लखमा की भाजपा से सांठगांठ थी? वेंकट ने कहा कि विक्रम मंडावी की राजनीतिक जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है, इसीलिए वे अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
वेंकट ने कहा कि विधायक मंडावी को अपनी पार्टी कांग्रेस की चिंता करनी चाहिए, जिसमें इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई दिग्गज धराशायी हुए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर के हर भाजपा कार्यकर्ता को केदार कश्यप ने अपने परिवार की तरह रखा है और बस्तर की राजनीति में कश्यप परिवार का योगदान अमूल्य है।
कांग्रेस के दुष्प्रचार के बावजूद भाजपा को मिली बढ़त :
नारायणपुर भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम ने कहा कि बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी सिर्फ बयानबाजी करके मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। नारायणपुर विधानसभा में भाजपा को विषम परिस्थितियों के बावजूद 4500 से अधिक मतों की बढ़त मिलना बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने धर्मांतरण और नक्सलवाद का आतंक फैलाकर भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार से रोकने का असफल प्रयास किया। चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और नक्सल धमकियों के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में जुटे रहे। सलाम ने कहा कि कांग्रेस ने फर्जी आरक्षण का वीडियो वायरल कर आदिवासी क्षेत्रों में दुष्प्रचार करने की कोशिश की, लेकिन यहां के आदिवासी इसके झांसे में नहीं आए।
इस विधानसभा में कांग्रेस और लखमा के बेटे हरीश कवासी रात में भी चुनाव प्रचार करते थे, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को नक्सलियों द्वारा धमकाया जाता था।
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