नई दिल्ली: हिंदी भवन, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली के भव्य भवन में "छंदबद्ध भारत का संविधान" नामक कृति का विमोचन कार्यक्रम बड़ी...
नई दिल्ली: हिंदी भवन, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली के भव्य भवन में "छंदबद्ध भारत का संविधान" नामक कृति का विमोचन कार्यक्रम बड़ी ही धूमधाम से संपन्न हुआ।
सर्वप्रथम कार्यक्रम के अतिथियों को मंच पर आसीन कराया गया तथा कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ डॉ सुषमा शर्मा ने सुमधुर स्वर से सरस्वती वंदना द्वारा शब्द स्तुति की गई एवं अन्य मंचासीन अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ किया। सभी मंचासीन अतिथियों का विधिवत स्वागत सत्कार संपन्न हुआ। इसके साथ ही देश-भर से पधारे इस कृति के रचनाकारों व मंचासीन अतिथियों के प्रति आयोजकों द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात "छंदबद्ध भारत का संविधान" नामक कृति के सृजन की भूमिका, उद्देश्य तथा महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद मंचासीन अतिथियों द्वारा इस पुस्तक का विमोचन किया गया तथा इस कृति को विधिवत लोक के लिए समर्पित कर दिया गया। साथ ही देश-भर से पधारे अन्य साहित्यकारों की कृतियों का लोकार्पण भी संपन्न हुआ। अतिथि उद्बोधन के क्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए आज तक के संपादक पंकज शर्मा जी ने कहा "देश के सुनाम धन्य 140 साहित्यकारों की सुयोग्य लेखनी के श्रम से तैयार हुई कृति 'छंदबद्ध भारत का संविधान' नामक कृति निश्चित ही वर्तमान हिंदी साहित्य की एक मोहनीय उपलब्धि है।" वरिष्ठ कवि एवं पत्रकार डॉ. चेतन आनंद जी ने कहा "वर्तमान समय में जहां लोगों के पास अपने लिए भी समय नहीं होता ऐसे में डॉ. ओमकार शाहू 'मृदुल', मधु शंखधर 'स्वतंत्र' तथा सपना दत्ता 'सुहासिनी' जी की कठिन साधना का परिणाम है।"
तत्पश्चात अन्य मंचासीन अतिथियों में डॉ. चेतन आनंद, सुरेश सिंह ', डॉ. संतोष खन्ना, शकुंतला कालरा, डॉ.रमा सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि मीनाक्षी लेखी ने इस कृति के विषय में कहा, "यह कृति साहित्य जगत की अनुपमेय कृति है।
तत्पश्चात देश-भर से पधारे इस कृति के लेखकों का सम्मान किया गया। अंत में समापन सत्र अपनी भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम अध्यक्ष पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ. श्याम सिंह 'शशि' जी ने सभी लेखकों को इस अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास हेतु हृदय से बधाई देते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। संपूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन सपना दत्ता सुहासिनी ने किया।
इस अवसर पर चंद्रा साहू चर्चित, कृष्ण कुमार 'कनक', डॉ. मधु शंखधर स्वतंत्र, डॉ. व्रजेश कुमार शंखधर, डॉ. सपना दत्ता सुहासिनी, गुलशन खम्हारी, भारती दिशा, पद्माक्षि शुक्ल अक्षि, सुषमा पारख, चंद्रकांत खुंटे 'क्रांति', डिकेश दिवाकर, तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी, सीमा जोशी मूथा, इन्दु साहू, सुषमा शर्मा'श्रुति' कृष्ण कुमार कनक आदि अनेक साहित्यकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
नई दिल्ली, 15 जून 2024 को जन जागरण विकास समिति द्वारा "छंदबद्ध भारत का संविधान" पुस्तक का दिल्ली के हिन्दी भवन में लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ० श्याम सिंह "शशि" विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० रमा सिंह, आज तक के एडिटर पंकज शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार शकुंतला कालरा, पूर्व न्यायाधीश डॉ० संतोष खन्ना, सुरेश सिंह प्रियदर्शी, कवि एवं पत्रकार डॉ० चेतन आनंद एवं भारत प्रमुख गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस के आलोक कुमार उपस्थित रहे।
इसी कार्यक्रम में 'सपना दत्ता सुहासिनी' द्वारा रचित 'बच्चों का कोना' पुस्तक का भी विमोचन हुआ। 'बच्चों का कोना' पुस्तक के संदर्भ में वरिष्ठ बाल साहित्यकार श्रीमती शकुंतला कालरा ने कहा - मैंने अपने सम्पूर्ण जीवन में हजारों पुस्तकों की समीक्षा की है। परंतु 'सपना दत्ता सुहासिनी' द्वारा रचित 'बच्चों का कोना' पुस्तक बाल मन को जीकर लिखी गई है। विविध भाव भूमियों पर लिखी ये कविताएं जहां मनोरंजक हैं, वहीं ज्ञानप्रद एवम संदेशप्रद भी हैं। शिशु कविताओं की श्रेणी में स्वर एवम व्यंजन आधारित लघु कविताएं अनायास ही मन को मोह लेती हैं। बच्चों को पर्यायवाची, लोकोक्तियाँ, मुहावरे कैसे कंठस्थ रहें, उन्हें सरल शब्दों में लय तरन्नुम के साथ गूंथा है ताकि वे आजीवन उनके स्मृति में बस जाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ श्याम सिंह शशि (पद्मश्री), जी ने प्रमुख संपादक डॉ० ओमकार साहू "मृदुल", सह संपादक डॉ० मधु शंखधर "स्वतंत्र", सह संपादक डॉ० सपना दत्ता "सुहासिनी" एवं उनके सभी छंदबद्ध भारत का संविधान पुस्तक में लिखने वाले सभी कलमकारों आशा मेहर 'किरण', बबीता माँधणा 'मानवी', डा० इन्दु अग्रवाल, सुधा देवांगन "शुचि", कीर्ति मेहता "कोमल", ऋषि कबीर "मनहर", मंजुला शर्मा, राम मणि यादव, कल्पना भदौरिया, विनोद कुमार चौहान "जोगी", ज्ञानवती सक्सैना "ज्ञान ", रमेश सारथी "गौर", शिव प्रकाश "साहित्य", मीना विवेक जैन, अमर पाल "पाल", श्रीकृष्ण शुक्ल, सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ सुषमा शर्मा, डॉ अनुराधा पारे, सुविख्यात गीतकार कृष्ण कुमार कनक, छंद विज्ञ डॉ रामनाथ साहू ननकी, डॉ माधुरी डडसेना मुदिता, स्वाभिमान सिंह, रमेश सारथी बृजेश शंखधर आदि का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि जहां समाज में व्यक्ति को भारत का संविधान पढ़ने का सही अवसर प्राप्त नहीं हुआ, वहीं इस पुस्तक के छंद बद्ध संविधान को पढ़कर आसानी से वह संविधान के सभी अनुच्छेदों को समझ सकता है। इसके साथ ही साथ उन्होंने मंच का संचालन कर रहीं डॉ० सपना दत्ता सुहासिनी, एवं डॉ० मधु शंखधर स्वतंत्र Gear धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थिति कवि, कवियित्रियों एवं सभी गणमान्यों को इस अद्वितीय रचना के लिए आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।
छत्तीसगढ़ से शामिल हुए साहित्यकारों की सूची :
1. चन्द्रमुखी मेहता सदा
2. पल्लवी झा (रूमा) रायपुर छत्तीसगढ़
3. डॉ० सुधा पण्डा 'प्रज्ञा'
4. तिलक तनौद 'स्वच्छंद'
5. चंद्रकांत खूंटे 'क्रांति'
6. डिकेश दिवाकर
7. डॉ० गीता विश्वकर्मा 'नेह'
8. डॉ० आशा आजाद
9. सुखदेव राठिया 'बनगिहा'
10. डॉ० गुलशन खम्हारी
11. अजय पटनायक 'मयंक'
12. नीता झा
13. भारती पटेल 'भवि'
14. डॉ. सुकमोती चौहान "रूचि"
15. डिजेन्द्र कुर्रे "कोहिनूर"
16. प्रेमचंद साव "प्रेम"
17. मनीलाल पटेल "नवरत्न"
18. विनोद कुमार चौहान "जोगी"
19. डॉ० आशा मेहर 'किरण'
20, राजेंद्र कुमार पाटले, भटगांव मुंगेली (छत्तीसगढ़)
21. संतोष मिरी 'हेम' कोरबा छत्तीसगढ़
22. डॉ0 तेजराम नायक "तेज"
23. धनेश्वरी देवांगन " धरा" ,रायगढ़ ,छत्तीसगढ़
24. आरती मेहर *रति* रायगढ़ छत्तीसगढ़
25. इन्दु साहू हरिप्रिया रायगढ़ छत्तीसगढ़
26. डॉ ओमकार साहू 'मृदुल'
सूरजपुर छत्तीसगढ़
27. चन्द्रा साहू 'चर्चित'
सूरजपुर छत्तीसगढ़
28. डाॅ.शिवकुमार श्रीवास कसडोल छत्तीसगढ़
29. डाॅ.नीरामणी श्रीवास नियति कसडोल छत्तीसगढ़
30. हरेन्द्र प्रसाद डनसेना, रायगढ़,, छत्तीसगढ़।
31. पूर्णिमा चौधरी 'पिंकी' रायगढ़ छत्तीसगढ़
32. भागवत निषाद
भिलाई - दुर्ग (छ.ग.)
33. संगीता वर्मा
भिलाई -दुर्ग(छत्तीसगढ़)
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