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पूर्व नक्सली की निर्मम हत्या: शांति के मार्ग को अपनाने की सजा

मोहला :  हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और उन्नति का मार्ग अपनाने वाले पूर्व नक्सली जग्गू उर्फ जयराम कोमती गावड़े की महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज...

मोहला : हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और उन्नति का मार्ग अपनाने वाले पूर्व नक्सली जग्गू उर्फ जयराम कोमती गावड़े की महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में निर्मम हत्या कर दी गई। उनकी लाश सड़क पर फेंक दी गई, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।



आत्मसमर्पण और नया जीवन


जग्गू और उनकी पत्नी रासो उर्फ देवे ज़ुरूपुंगती, 2007 से भामरागढ़ दलम के सक्रिय सदस्य थे। दोनों ने 7 जुलाई 2017 को गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर माओवादियों के हिंसात्मक रास्ते को छोड़कर सामान्य जीवन यापन का निर्णय लिया था। उन्होंने खेती-किसानी कर शांतिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास किया।


नक्सलियों का क्रूर आक्रमण

गुरुवार की आधी रात को नक्सलियों ने जग्गू को घर से उठा लिया और पुलिस मुखबिर होने के झूठे आरोप में हत्या कर दी। गढ़चिरौली पुलिस के अनुसार, यह हमला अरेवारा से हिदुर रोड पर हुआ। नक्सलियों द्वारा इस प्रकार की निर्ममता से हत्या किए जाने के बाद गढ़चिरौली जिले में माओवादी विरोधी अभियान को और तेज कर दिया गया है।


महाराष्ट्र पुलिस ने इस घटना के बाद से इलाके में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया है। पुलिस का मानना है कि नक्सलियों द्वारा की गई यह हत्या उनके मुखबिर होने के संदेह के कारण की गई है। 


इस घटना ने न केवल गढ़चिरौली जिले बल्कि आस-पास के इलाकों में भी भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया है। शांति और उन्नति की राह पर चलने वालों के साथ इस तरह की घटनाएं समाज में डर और अविश्वास का माहौल पैदा करती हैं। 


यह घटना यह भी स्पष्ट करती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुधार की राह अब भी कितनी कठिन और खतरों से भरी हुई है। प्रशासन और सुरक्षा बलों को इन इलाकों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और भी सशक्त कदम उठाने होंगे।

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