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महिला नक्सली ने कवर्धा में किया आत्मसमर्पण, 13 लाख रुपये का इनामी

कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में आज एक महिला नक्सली ने शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह म...

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में आज एक महिला नक्सली ने शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह महिला नक्सली गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट (जीआरबी) डिवीजन अंतर्गत टांडा/मलाजखंड एरिया कमेटी की सदस्य के रूप में सक्रिय थी। इस पर छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपये, मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपये और महाराष्ट्र में 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, कुल मिलाकर 13 लाख रुपये का इनाम था।

आत्मसमर्पित नक्सली के साथ पुलिस के आलाधिकारी।


आपराधिक पृष्ठभूमि

महिला नक्सली के खिलाफ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में 19 अपराध और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में 3 अपराध दर्ज हैं। आत्मसमर्पण करने वाली नक्सली का नाम रानीता उर्फ हिड़मे कोवासी है, जो 22 वर्ष की है और सुकमा जिले के पुलनपाड़, गोल्लापरा की निवासी है।


नक्सल संगठन में कार्यकाल

1. 2016: किस्टाराम एरिया में बाल संगम में शामिल हुई।

2. 2017: संगठन में पूर्ण सदस्य बनी और 6 माह किस्टाराम क्षेत्र में रही।

3. 2017-2020: टांडा एरिया कमेटी में सक्रिय रही।

4. 2021-2023: मलाजखंड एरिया कमेटी में सदस्य के रूप में कार्यरत रही और एसजेडसीएम/डिवीजन सचिव विकास नागपुरे के साथ काम किया।

5. 2022: मलाजखंड एरिया कमेटी कमांडर से शादी हुई, एक साल बाद पति-पत्नी अलग हो गए।


आत्मसमर्पण की प्रक्रिया

जिला कबीरधाम में पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक कबीरधाम डॉ. अभिषेक पल्लव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार और पुष्पेन्द्र सिंह बघेल के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और शासन की पुनर्वास नीति के तहत महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण में जिला कबीरधाम के डीएसबी शाखा के कर्मचारी घनाराम सिन्हा, अभिजीत सिंह, कृपाराम, राजूलाल यादव, डीएसएफ आरक्षक और अन्य कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।


पुनर्वास नीति

आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत तत्काल 25,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई और अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिला पुलिस कबीरधाम ने मीडिया के माध्यम से नक्सल संगठन में कार्यरत सभी लोगों से अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और एक स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल जीवन जीएं। पुलिस का उद्देश्य सभी भटके हुए युवाओं को पुनर्वासित कर उन्हें सम्मानित और समृद्ध जीवन प्रदान करना है।

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