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प्रदेश महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ का प्रांतीय सम्मेलन सम्पन

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जगदलपुर : आज प्रदेश महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ का प्रांतीय सम्मेलनजगदलपुर में सम्पन हुआ।सम्मेलन में मुख्यातिथि बस्तर लोकसभा सांसद...

जगदलपुर : आज प्रदेश महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ का प्रांतीय सम्मेलनजगदलपुर में सम्पन हुआ।सम्मेलन में मुख्यातिथि बस्तर लोकसभा सांसद श्रीमान महेश कश्यप थे, कार्यक्रम का संचालन श्रीमती लता तिवारी के किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ की प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी सज्जन ने किया। सर्वप्रथम सांसद महोदय का स्वागत किया गया, तत्पश्चात सांसद महेश कश्यप ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की भूमिका प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है, शासन के कार्यो को जिम्मेदारी के साथ निर्वाह किया जा रहा है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जो भी समस्या होगी उस पर हमारी सरकार जरूर ध्यान देगी।

उसके बाद संघ की अध्यक्ष रुक्मणी सज्जन ने कहा कि हमरे संघ से जुड़े कुछ लोग संगठन विरोधी काम में लगे हुए हैं, उस कारण हमने जगदलपुर जिले के नये जिला अध्यक्ष को आज संभाग स्तरीय पदाधिकारीगण के समक्ष मनोनीत किया है, उन्हें समझ में आना चाहिए कि हमने बड़ी मुश्किल से संगठन को अब तक आगे लाया है, जगदलपुर में प्रेमवती नाग की जगह निर्मला चौधरी को, दंतेवाड़ा में किरण नाग की जगह रानी राव को, कोंडागांव में पुष्पा रॉय की जगह लक्ष्मी बघेल, नारायणपुर में देशांतरी बद्री की जगह लक्ष्मी यादव को नया जिला अध्यक्ष बनाया है।



प्रांत महामंत्री लता तिवारी ने बस्तर संभाग स्तरीय सभी पदाधिकारियों की सहमति लेकर बताया कि 1 जुलाई को हमारे संभाग एवं हमारे पंजीयन का जो फर्जीवाड़ा इस्तेमाल करके संभाग अध्यक्ष का चुनाव किया और भगवती कश्यप को चुना तथा किरण नाग जो की जुझारू संघ की जिला अध्यक्ष खुद को बताती है, उसे संभाग का संरक्षक बनाया गया है जो की बहुत ही गलत एवं फर्जी है। जिसका खंडन सभी जिला पदाधिकारी, प्रांत पदाधिकारी करते हैं। उनको आगाह करते हैं की आइंदा हमारे पंजीयन का दुरुपयोग न करें वरना हम संगठनात्मक कार्यवाही के लिए बाध्य होंगे। 



रुकमणी सज्जन ने  आगे कहा कीआंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनें केन्द्र और राज्य सरकार की हर योजनाओ को घर घर - जन जन तक पहूंचाकर शासन का कार्य कर रहे है। आइसीडीएस की यह योजना सन् 1975 से लागू हुये लगभग 50 वर्ष होने को है लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ-सहायिकाओ को अभी तक ना तो मजदूर का और ना ही शासकीय कर्मचारी का दर्जा मिल पाया है‌। काम के समय शासकीय कर्मचारी से भी ज्यादा जिम्मेदारी दी जाती है और जब जीने लायक वेतन सुविधाओ की बात की जाती है तो समाज सेविका कहकर मूलभूत सुविधाओ से वंचित रखा जा रहा है। लेकिन समाज सेविका का भी परिवार होता है, आज के इस भीषण मंहगाई मे आज पचास वर्ष होने को है, केन्र्द सरकार से हमे मात्र महज 4500/- ही मानदेय मिल रहा है। क्या इसे हम जीने लायक वेतन मान सकते है? हमें ना पेंशन की सुविधा है और न ही सेवानिवृत्ति पश्चात संतोषजनक लाभ है। सरकारों के द्वारा महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में की गई उन्नति के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं तथा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े पुरस्कार जीते जाते हैं लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनों के हाल बेहाल है।आज  केन्द्र  एवं राज्य में बी जे पी सरकार है,इसलिए आज  कार्यकर्ता सहायिका केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांग करते हैं कि हमारी मांग पूरा करेगी। सभा को जय श्री राजपूत, लता तिवारी, पार्वती नाग रंभा गागड़ा,दयावती यालम रानी राव,लक्ष्मी बघेल,लक्ष्मी यादव,निर्मला चौधरी एवं अन्य साथियों अपना वक्तव्य रखा।आज का सम्मेलन में बड़ी संख्या में  आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने भाग लिया।

हमारी मांगे:-

1: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी और सहायिकाओ को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे। नर्सरी शिक्षक पद पर उन्नयन किया जावे।

2:- शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक श्रम कानून के तहत न्यूनतम पारश्रमिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता को कम से कम प्रति माह 21000/- और सहायिका बहनों को कार्यकर्ता के मानदेय  21000/- का 85% राशि 17850/-स्वीकृत किया जावे।

3- मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को निः शर्त पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जावे।तब तक समान काम का समान वेतन दिया जावे।

4- सामाजिक सुरक्षा के रूप मे आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 लाख ग्रेज्युवेटी और 10000/- मासिक पेशन इसी तरह से सहायिकाओ को इसका 85% के अनुपात मे रू.4 लाख 25 हजार ग्रेज्युवेटी और 8 हजार पांच सौ मासिक पेशन के अनुपात में एवं सहायिका और समूह बीमा का लाभ देने हेतु नीति निर्धारण किया जावे।

5:- सुपरवाईजर के रिक्त शत् प्रतिशत पदो पर कार्यकर्ताओ को बिना उम्र बंधन और परीक्षा के सीधे पदोन्नति दिया जावे। इसी तरह कार्यकर्ता के रिक्त शत् प्रतिशत पदों पर सहायिकाओं को पदोन्नत किया जावे और इस हेतु विभागीय सेवा भर्ती नियम मे आवश्यक संशोधन किया जावे।

6: क्रेश कार्यकर्ताओ को कार्यकर्ता के पद पर समायोजित किया जावे।

                                     

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