दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए एक नया कानून लाने का निर्णय लिया है। शिक्ष...
दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए एक नया कानून लाने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस कानून के तहत सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को रेगुलेट किया जाएगा, ताकि छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
• कोचिंग सेंटरों के लिए सख्त नियम
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, "जैसे प्राइवेट स्कूल और अस्पताल एक कानून के तहत रेगुलेट किए जाते हैं, वैसे ही अब कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को भी रेगुलेट किया जाएगा।" इस कानून के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
- इंफ्रास्ट्रक्चर : कोचिंग सेंटरों के भवन और सुविधाओं को सुरक्षित और छात्रों के अनुकूल बनाना अनिवार्य होगा।
- टीचर्स क्वालिफ़िकेशन : शिक्षकों की योग्यता और अनुभव का सही मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जा सके।
- फीस रेगुलेशन : कोचिंग सेंटरों द्वारा ली जाने वाली फीस को नियंत्रित किया जाएगा, ताकि यह छात्रों और उनके परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न बने।
- मिसलीडिंग विज्ञापन : भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाई जाएगी, ताकि छात्रों को सही जानकारी मिल सके।
• नियमित निरीक्षण और फीडबैक की व्यवस्था
आतिशी ने यह भी घोषणा की कि कोचिंग संस्थानों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें अधिकारियों के अलावा कोचिंग संस्थानों के छात्र भी शामिल होंगे। इस कानून के लिए जनता का फीडबैक लेने के लिए एक मेल आईडी (Coaching.law.feedback@gmail.com) भी बनाई गई है। इस मेल आईडी पर लोग अपने सुझाव और विचार साझा कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य कोचिंग सेंटरों की गुणवत्ता को सुधारना और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। सरकार को उम्मीद है कि इस नए कानून से छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
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