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अपडेट : स्कूल की जर्जर छत गिरने से 5 बच्चों के घायल होने के मामले पर मरम्मत में लापरवाही एक बड़ा सवाल

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जगदलपुर  : दरभा ब्लॉक के छोटे गुडरा स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब स्कूल की छत गिरने से पांच बच्चे घायल हो गए। यह हादसा उस समय...

जगदलपुर : दरभा ब्लॉक के छोटे गुडरा स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब स्कूल की छत गिरने से पांच बच्चे घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। घायल बच्चों को तत्काल तोकापाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।




15 साल पुराना स्कूल, लापरवाही की इंतिहा

स्कूल की इमारत करीब 15 साल पुरानी है और समय के साथ उसकी छत और भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मरम्मत के नाम पर हुए करोड़ों रुपये की फंडिंग के बावजूद स्कूल की छत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। भवन के बाहर लीपापोती कर स्कूल को रंग-रोगन कर दिया गया, लेकिन अंदर की छत में पानी भरने के कारण उसकी स्थिति और भी खराब हो गई थी।



•  हादसे के वक्त की स्थिति

घटना के वक्त बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे, जब अचानक छत का मलबा उनके ऊपर गिर गया। यह गनीमत रही कि कक्षा में बच्चों की संख्या कम थी, वरना यह हादसा और भी गंभीर हो सकता था। घायल बच्चों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं, लेकिन यह घटना पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल बना गई है।


प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल

इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? मरम्मत के नाम पर आए करोड़ों रुपये आखिर कहां खर्च हुए? प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। 


ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि स्कूल की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया, जिससे यह दुर्घटना घटी। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करता है।


भविष्य की दिशा

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों के भविष्य और उनकी सुरक्षा के लिए हमें कितना सतर्क और जिम्मेदार होना चाहिए। स्कूलों की जर्जर हालत को सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। 


इस हादसे ने पूरे इलाके में चिंता की लहर दौड़ा दी है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस घटना से सबक लेकर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने होंगे, ताकि बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके।

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